Unnao Rape Case: बसपा सुप्रीमो मायावती ने बीजेपी पर साधा तीखा निशाना, tweet में लिखी ये बड़ी बात
मायावती का मानना है कि रेप कांड के आरोपियों को सत्ताधारी बीजेपी सरकार का संरक्षण मिल रहा है.
highlights
- मायावती ने उन्नाव रेप केस पर किए दो ट्वीट.
- ट्वीट के जरिए बीजेपी पर साधा निशाना.
- बीजेपी पर लगाए आरोपी विधायक को बचाने के आरोप.
लखनऊ:
Unnao Rape Case: उन्नाव रेप पीड़िता के साथ हुए सड़क हादसे पर यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो मायावती ने तीखी प्रक्रिया दी है. उन्नाव रेप कांड को लेकर बसपा प्रमुख मायावती ने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा है. मायावती का मानना है कि रेप कांड के आरोपियों को सत्ताधारी बीजेपी सरकार का संरक्षण मिल रहा है. आज बसपा सुप्रीमो ने इस मामले पर लगातार दो ट्वीट करते हुए प्रदेश की योगी सरकार को घेरा है.
मायावती ने अपने ट्वीट करते हुए लिखा, 'स्थानीय बीजेपी सांसद साक्षी महाराज द्वारा जेल में रेप आरोपी बीजेपी विधायक से मिलना यह प्रमाणित करता है कि गैंग रेप आरोपियों को लगातार सत्ताधारी बीजेपी का संरक्षण मिल रहा है, जो इंसाफ का गला घोटने जैसा है. माननीय सुप्रीम कोर्ट को इसका संज्ञान अवश्य लेना चाहिए.'
साथ ही स्थानीय बीजेपी सांसद साक्षी महाराज द्वारा जेल में रेप आरोपी बीजेपी विधायक से मिलना यह प्रमाणित करता है कि गैंग रेप आरोपियों को लगातार सत्ताधारी बीजेपी का संरक्षण मिल रहा है, जो इंसाफ का गला घोटने जैसा है। मा. सुप्रीम कोर्ट को इसका संज्ञान अवश्य लेना चाहिए।
— Mayawati (@Mayawati) July 30, 2019
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मायावती ने अपने दूसरे ट्वीट में लिखा है, ' उन्नाव गैंगरेप पीड़िता के परिवार वालों की संदिग्ध हत्या के बाद उनके अन्तिम संस्कार हेतु चाचा को परोल पर रिहा नहीं होने देना अति-अमानवीय जो यूपी सरकार की इस काण्ड में मिलीभगत को साबित करता है। परोल की माँग को लेकर रिश्तेदार मेडिकल कालेज में धरने पर बैठे है, सरकार तुरन्त ध्यान दे.'
उन्नाव गैंगरेप पीड़िता के परिवार वालों की संदिग्ध हत्या के बाद उनके अन्तिम संस्कार हेतु चाचा को परोल पर रिहा नहीं होने देना अति-अमानवीय जो यूपी सरकार की इस काण्ड में मिलीभगत को साबित करता है। परोल की माँग को लेकर रिश्तेदार मेडिकल कालेज में धरने पर बैठे है, सरकार तुरन्त ध्यान दे।
— Mayawati (@Mayawati) July 30, 2019
बता दें कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने उन्नाव की गैंगरेप पीड़ित की सड़क दुर्घटना मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी है. पीडिता अपने वकील और परिवार के साथ जेल में बंद अपने चाचा से मिलने जा रही थी. तभी एक तेज रफ्तार ट्रक ने नेशनल हाइवे पर पीड़िता की गाड़ी को टक्कर दे मारी. इस टक्कर में पीडिता और उनका वकील गंभीर रूप से घायल हो गए.
लखनऊ के ट्रामा सेंटर में जिंदगी और मौत से जूझ रही पीड़िता के परिजन अब धरने पर बैठ गए हैं. परिवार की महिलाएं छोटे छोटे बच्चों के साथ धरने पर बैठी हैं. परिजनों की मांग है कि जेल में बंद पीड़िता के चाचा को पैरोल दिया जाए. उनके ऊपर लगे सभी मुकदमे वापस लिए जाएं.
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पीड़ित परिवारों ने चेताया है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं होती तो वो मृतकों का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे. दुष्कर्म पीड़िता के पिता की पहले ही जेल में मौत हो चुकी है. धरने पर बैठी महिलाओं की मांग है कि चाचा के अलावा कोई भी परिवार में अब नहीं है जो देखभाल कर सके.
पीड़िता की बहन ने आरोप लगाया है कि जेल में बंद विधायक कुलदीप सिंह सेंगर इस केस को खत्म करवाने के लिए पूरे परिवार की हत्या करवाना चाहता है. उसका आरोप है कि एक्सीडेंट से पहले लगातार उन्हें धमकियां मिल रही थीं.
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