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UP मदरसा बोर्ड में लगातार कम हो रही छात्रों की संख्या, ये है कारण

उत्तर प्रदेश सरकार ने मदरसा बोर्ड की परीक्षाओं में लगातार सख्ती दिखा रही है. इसका असर परीक्षार्थियों की संख्या पर पड़ रहा है. इस बार की सेकेंड्री और सीनियर सेकेंड्री स्कूल की परीक्षाओं में पिछले साल की तुलना में 27 हाजर कम छात्र-छात्राओं ने परीक्षा फ

Updated on: 09 Jan 2020, 12:22 PM

लखनऊ:

उत्तर प्रदेश सरकार ने मदरसा बोर्ड की परीक्षाओं में लगातार सख्ती दिखा रही है. इसका असर परीक्षार्थियों की संख्या पर पड़ रहा है. इस बार की सेकेंड्री और सीनियर सेकेंड्री स्कूल की परीक्षाओं में पिछले साल की तुलना में 27 हाजर कम छात्र-छात्राओं ने परीक्षा फॉर्म भरे हैं. साल 2020 की परीक्षा में 1.82 लाख परीक्षार्थी शामिल होंगे. मदरसों के फर्जीवाड़े पर रोक लगाने के बाद योगी सरकार मदरसा शिक्षा परिषद की परीक्षाओं में लगातार सुधार कर रही है. पिछले साल इसी सख्ती को देखते हुए 40 हजार छात्रों ने पहले ही अपनी परीक्षा छोड़ दी थी.

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साल 2019 में 2,09,3.6 परीक्षार्थियों ने फॉर्म भरे थे. जबकि पहले दिन सिर्फ 4.65 लाख परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी थी. सख्ती का हाल यह है कि मदरसा बोर्ड की परीक्षाएं सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में होने लगी हैं. परीक्षा केंद्रों पर कई स्तर पर उड़नदस्ते बनाए जा रहे हैं. परीक्षार्थी नकल न कर सकें इसके लिए इस बार और कड़े इंतजाम करने की तैयारी है.

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बदले हुए माहौल को देखते हुए साल 2020 की मदरसा बोर्ड की परीक्षा में आवेदन करने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या घट गई है. इस बार 1,82,213 छात्र छात्राओं ने ही परीक्षा के लिए आवेदन किया. इनमें छात्रों की संख्या 97,339 व छात्राओं की संख्या 84864 है. इसके अलावा 10 ट्रांसजेंडरों ने भी फॉर्म भरा है. यह हाल तब है जब मदरसा बोर्ड ने फॉर्म बरने की तिथि को पांच बार बढ़ाया था. इस बार की परीक्षा में 1,38,458 रेगुलर छात्र 43,755 प्राइवेट छात्र शामिल हैं.

मदरसा बोर्ड के भी मॉडल पेपर मिलेंगे

उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद के भी अब मॉडल टेस्ट पेपर मिलेंगे. इससे 2020 में होने वाली परीक्षा को लेकर छात्र-छात्राओं को अंदाजा लग जाएगा. मॉडल टेस्ट पेपर जल्द ही मदरसा बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड कर दिए जाएंगे. साथ ही मदरसा बोर्ड परीक्षा में सत्रांक की भी शुरुआत होने जा रही है. मदरसा बोर्ड लगातार सीबीएसई बोर्ड और यूपी बोर्ड की तरह अपनी छवि सुधारने में लगा है. बोर्ड चाहता है कि उसके यहां पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं पारंपरिक के साथ-साथ आधुनिक शिक्षा के बारे में भी जानें.