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यूपी विधानसभा में बनेगा रिकॉर्ड; बिना विपक्ष आज से लगातार 36 घंटे चलेगा विशेष सत्र

उत्तर प्रदेश विधानसभा का 36 घंटे का ऐतिहासिक विशेष सत्र आज शुरू होने जा रहा है. इस विशेष सत्र की शुरुआत सुबह 11 बजे से होगी, जो लगातार 36 घंटे तक चलता रहेगा.

Updated on: 02 Oct 2019, 09:25 AM

लखनऊ:

उत्तर प्रदेश विधानसभा का 36 घंटे का ऐतिहासिक विशेष सत्र आज शुरू होने जा रहा है. इस विशेष सत्र की शुरुआत सुबह 11 बजे से होगी, जो लगातार 36 घंटे तक चलता रहेगा. विधानसभा का यह विशेष सत्र महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में एक समारोह के तौर पर शुरू होगा. यह सत्र पहले बिना विराम के 48 घंटे के लिए आयोजित किया जाना था, मगर अब इसका समय कम करके 36 घंटे कर दिया गया. दोनों सदनों के विधायकों को तीन समूहों में विभाजित किया गया है और प्रत्येक समूह सत्र में 12 घंटे के लिए भाग लेंगे. इस सत्र के लिए विधायकों के भोजन और सुरक्षा की विशेष व्यवस्था की गई है. यह अपनी तरह का पहला कार्यक्रम होगा.

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यह ऐतिहासिक सत्र बिना विपक्ष के चलेगा. सदन की चर्चा में विपक्ष शामिल नहीं होगा. कांग्रेस के साथ-साथ सपा और बसपा ने भी इस विशेष सत्र का बहिष्कार किया है. कांग्रेस ने यह स्पष्ट किया है कि उसका कोई भी विधायक इस सत्र में शामिल नहीं होगा. कांग्रेस इस मौके पर राज्य की राजधानी लखनऊ में जन आक्रोश मार्च निकालेगी. कांग्रेस विधायक दल के नेता अजय कुमार लल्लू ने कहा कि जब वे (राज्य सरकार) लोकतंत्र की हत्या करने पर अड़े हैं, तब महात्मा गांधी के बारे में वे किस तरह की चर्चा करेंगे ? राज्य में कानून व्यवस्था नहीं है. युवाओं के पास रोजगार नहीं है और सरकार इस बारे में कुछ भी करने में असमर्थ है.

वहीं समाजवादी पार्टी (सपा) भी इस सत्र में हिस्सा नहीं लेगी. इसकी बजाय सपा आज जीपीओ पार्क स्थित गांधी प्रतिमा पर जाकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करेगी. सपा प्रमुख अखिलेश यादव इस प्रदर्शन का नेतृत्व करेंगे. इस दौरान पार्टी के नेता गांधी की विचारधाराओं पर अपनी बात रखेंगे और उनके भजन गाएंगे. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने इस ऐतिहासिक सत्र में अपने विधायकों के भाग लेने पर कोई फैसला नहीं किया है.

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हालांकि इससे पहले मंगलवार को उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कहा था कि सभी राजनीतिक दलों ने विशेष सत्र के लिए अपनी सहमति दे दी है और विपक्ष को इसमें शामिल होना चाहिए. उन्होंने कहा था, 'पार्टियों के बीच राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन जब विकास और महात्मा गांधी के योगदान की चर्चा होगी तो इसमें कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए.'