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जिला अस्पताल में नहीं हुआ इलाज और प्राइवेट वाले नहीं बचा पाए जान, परिजनों का हंगामा

एक तरफ जहां डॉक्टर को धरती का भगवान कहा जाता है तो वहीं दूसरी और प्राइवेट नर्सिंग होम व वहां तैनात डॉक्टरों की कारगुजारी से इस पवित्र पेशे की छवि लगातार खराब होती जा रही है.

Updated on: 23 Sep 2019, 05:12 PM

बहराइच:

एक तरफ जहां डॉक्टर को धरती का भगवान कहा जाता है तो वहीं दूसरी और प्राइवेट नर्सिंग होम व वहां तैनात डॉक्टरों की कारगुजारी से इस पवित्र पेशे की छवि लगातार खराब होती जा रही है. ताजा मामला बहराइच जनपद का है. जहां पर बुखार से पीड़ित सात साल की मासूम को परिजन इलाज के लिए जिला अस्पताल लेकर आये थे. लेकिन वहां पर हालत खराब होने पर वह उसे लेकर एक प्राइवेट नर्सिंग होम में ले गए. जहां पर इलाज से पहले ही परिजनों से एक लाख रुपये जमा कराने के बाद भी मासूम का सही से इलाज नहीं किया गया.

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जिससे मासूम की मौत हो गयी. परिजनों ने नर्सिंग होम व डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए सड़क जाम कर दिया. सड़क जाम व हंगामे की सूचना पर नगर क्षेत्राधिकारी व नगर मजिस्ट्रेट ने मौके पर पहुंच परिजनों को कार्रवाई का आश्वासन देकर शांत कराया। नगर मजिस्ट्रेट ने बताया की परिजनों की तहरीर पर आरोपियों के खिलाफ लापरवाही का मामला दर्ज करने के निर्देश देने के साथ शव को पोस्टमार्टम के लिये भेजा जा रहा है.

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रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्यवाही की जायेगी. बौंडी इलाके के रहने वाले कमलाकांत मिश्रा ने बताया की उनकी बेटी संध्या (7) को दो दिन पूर्व तेज बुखार आया था. जिसके बाद वह उसे लेकर जिला अस्पताल पहुंचे थे. जहां पर हालत बिगड़ने पर डॉक्टरों ने उसे कहीं इलाज कराने की सलाह दी. जिसके बाद परिजन मासूम को लेकर डिगिहा इलाके में स्थित लखनऊ गोल्डन नर्सिंग होम पहुंचे.

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यहां पर डॉक्टरों ने हालत काफी खराब होने का हवाला देते हुए तुरंत एक लाख रुपये जमा कराकर इलाज शुरू किया. लेकिन मासूम की मौत हो गयी। परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुये हंगामा शुरू कर दिया. हंगामे की सूचना पर नगर क्षेत्राधिकारी टी एन दुबे व नगर मजिस्ट्रेट पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे व पीड़ित परिवार को कार्रवाई का भरोसा दिलाते हुये शांत कराया.