लखनऊ:
उत्तर प्रदेश में जनगणना (Census) का पहला चरण 16 मई 2020 से 30 जून 2020 (Census First Phase) के बीच रखा जाएगा. इसके पहले चरण के लिए पहले पूरे प्रदेश में मकानों की गिनती की जाएगी. इसके अलावा गांव, शहर, कस्बे की हर बस्ती, हर मोहल्ले, कालोनी के मकानों, रसोई, शौचालय, प्रकाश की व्यवस्था, नाली, खड़ंजा, गैस की सुविधा, पेयजल समेत अन्य बुनियादी सुविधाओं के आंकड़े संकलित होंगे. दूसरे चरण में 9 फरवरी 2021 से 28 फरवरी के बीच वास्तविक जनगणना होगी. जिसमें लोगों की गिनती होगी.
प्रदेश के उप महारजिस्ट्रार जनगणना प्रदीप कुमार ने यह जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि इस बार जनगणना में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को अपडेट भी किया जाएगा. 2010 में यह काम पहली बार जनगणना के साथ करवाया गया था. इसके बाद 2016 में इस रजिस्टर को अपडेट किया गया था और अब 2020 में इसे फिर से अपडेट किया जाएगा.
जनगणना के काम में 5 लाख कर्मचारियों को लगाया जाएगा. इनमें बेसिक शिक्षक, राज्य कर्मचारी और निकायों के कर्मचारी शामिल होंगे. जनगणना के पहले चरण में 32 सवालों के साथ पहले गणनाकार आएंगे. मोबाइल एप और जनगणना फॉर्म दोनों पर जानकारी सुरक्षित करेंगे. जनगणना करने के लिए मास्टर ट्रेनर तैयार किए जा रहे हैं. 29 जिलों में मास्टर ट्रेनरों को ट्रेनिंग दी जा रही है. 2 से 7 दिसंबर और 16 से 23 दिसंबर के बीच अन्य जिलों के मास्टर ट्रेनरों को ट्रेनिंग दी जाएगी.
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