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उन्नाव दुष्कर्म मामले में कुलदीप सेंगर के खिलाफ 16 दिसंबर को आएगा फैसला

दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने 2017 में उन्नाव में एक नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के मामले में कोर्ट ने अगस्त के महीने में ही आरोप तय कर लिए थे.

Updated on: 10 Dec 2019, 05:36 PM

नई दिल्‍ली:

उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ दुष्कर्म के मामले में दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. कोर्ट 16 दिसंबर को कुलदीप सिंह सेंगर पर  दुष्कर्म मामले में अपना फैसला सुनाएगा. आपको बता दें कि उन्नाव रेप केस के आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर फिलहाल दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है. दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने 2017 में उन्नाव में एक नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के मामले में कोर्ट ने अगस्त के महीने में ही आरोप तय कर लिए थे.

जिला न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने सेंगर के साथी शशि सिंह के खिलाफ भी नाबालिग लड़की के अपहरण के मामले में आरोप तय किए थे. अदालत ने भारतीय दंड संहिता की धाराओं 376 (बलात्कार), 363 (अपहरण), 120 बी (आपराधिक षड्यंत्र), 366 (अपहरण एवं महिला पर विवाह के लिए दबाव डालना),  और बाल यौन अपराध संरक्षण कानून (पॉक्सो) की प्रासंगिक धाराओं के तहत आरोप तय किए हैं. 

इसके पहले गुरुवार को सीबीआई ने कोर्ट को बताया था कि विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और उसके भाई ने लड़की के पिता पर हमला किया और तीन राज्य पुलिस अधिकारियों एवं पांच अन्य के साथ मिलकर शस्त्र कानून के एक मामले में उसे फंसाया. जांच एजेंसी ने जिला न्यायाधीश धर्मेश शर्मा को बताया कि विधायक और उसके सहयोगियों ने एक प्राथमिकी दर्ज करायी जिसमें 17 वर्षीय बलात्कार पीड़िता के पिता पर देशी पिस्तौल और पांच कारतूस रखने का आरोप लगाया था. इसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने सेंगर पर कार्रवाई करते हुए उसे पार्टी से निष्कासित कर दिया था.

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साल 2017 में नाबालिग के साथ बलात्कार के आरोप में मुकदमे के सिलसिले में 28 जुलाई को पीड़िता, उसके वकील व परिवार के अन्य सदस्य रायबरेली जा रहे थे, तभी रास्ते में उनकी कार को एक ट्रक ने कुचल दिया था इस हादसे में पीड़िता की चाची व मौसी की घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी. हादसे में पीड़िता और उसके वकील गंभीर रुप से घायल हो गए थे. जिसके बाद उन्हें दिल्ली के एम्स में इलाज के लिए लाया गया था. पीड़िता ने सीबीआई के सामने हादसे के पीछे सेंगर का हाथ बताया था.

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इसके पहले अप्रैल 2018 में पीड़िता के पिता की न्यायिक हिरासत में ही मौत हो गई थी. जिसके पीछे भी कुलदीप सेंगर का हाथ होने का अंदेशा लगाया जा रहा था. अदालत ने पहले कुलदीप सेंगर और उसके भाई अतुल सेंगर और नौ अन्य के खिलाफ पीड़िता के पिता की हत्या और अन्य आरोपों में आरोप तय किया था. अदालत ने सेंगर और सह-आरोपी शशि सिंह के खिलाफ दुष्कर्म के आरोप भी तय किए थे.