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लखनऊ PGI में भर्ती स्वामी चिन्मयानंद की हालत स्थिर, डॉक्टर्स कर रहे निगरानी

यौन उत्पीड़न के आरोपी पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के नेता स्वामी चिन्मयानंद की तबीयत अभी ठीक नहीं हुई है.

Updated on: 26 Sep 2019, 07:29 AM

लखनऊ:

यौन उत्पीड़न के आरोपी पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के नेता स्वामी चिन्मयानंद की तबीयत अभी ठीक नहीं हुई है. लखनऊ के संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में इलाज करा रहे चिन्मयानंद की हालत स्थिर बनी हुई है. उन्हें डॉक्टर की निगरानी में रखा गया है. बता दें कि जेल में तीन दिन रहने के बाद स्वामी चिन्मयानंद की तबीयत बिगड़ गई थी. जिसके बाद उन्हें लखनऊ रेफर किया गया था.

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चिन्मयानंद को एसजीपीजीआई से पहले केजीएमयू में दाखिल कराने का इरादा था, लेकिन किसी कारण से ऐन मौके पर कार्यक्रम में तब्दीली कर दी गई. फिलहाल उनका एसजीपीजीआई में इलाज चल रहा है. अभी स्वामी के स्वास्थ्य को लेकर एसजीपीजीआई के डॉक्टर का कहना है कि चिन्मयानंद कार्डियोलॉजी वार्ड में भर्ती हैं. उसकी हालत स्थिर है, लेकिन अभी भी निगरानी में है.

उधर, चिन्मयानंद पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली छात्रा की उनसे पांच करोड़ रुपये मांगे जाने के मामले में गिरफ्तारी के बाद अदालत में जमानत अर्जी खारिज हो गई. वहीं चिन्मयानंद की जमानत अर्जी पर सुनवाई के लिए 30 सितंबर की तारीख तय की गयी है. पीड़िता की गिरफ्तारी के बाद विशेष जांच दल एसआईटी ने प्रेस वार्ता में बताया कि चिन्मयानंद को धमकी भरा मैसेज मोबाइल पर भेजा गया था, जिसमें उनसे पांच करोड़ रुपए की मांग की गई थी.  ना देने पर उनका अश्लील वीडियो टीवी चैनल पर चलवा कर उनकी इज्जत मिट्टी में मिलाने की धमकी दी गई थी.

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उल्लेखनीय है कि स्वामी सुखदेवानंद विधि महाविद्यालय में पढ़ने वाली छात्रा ने 24 अगस्त को एक वीडियो वायरल कर कहा था कि उसे चिन्मयानंद से अपनी जान को खतरा है एवं इस सन्यासी ने कई लड़कियों की जिंदगी बर्बाद कर दी है. इसके बाद पीड़िता के पिता ने कोतवाली में चिन्मयानंद के विरुद्ध अपहरण और जान से मारने की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था. इसी मामले की जांच एसआईटी कर रही थी जिसमें पीड़िता को दोषी पाते हुए उसे जेल भेज दिया गया.

एसआईटी प्रमुख नवीन अरोड़ा ने बताया कि हमने लड़की से गहन पूछताछ की, सारे वीडियो दिखाये और आवाज सुनायी. इस बात का स्पष्ट साक्ष्य है कि पांच करोड़ रूपये की मांग की गयी थी. मामले में चिन्मयानंद समेत पांच आरोपियों को विशेष एसआईटी जेल भेज चुकी है.