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राम मंदिर ट्रस्ट को लेकर नया विवाद आया सामने, स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कर दी ये मांग

रामालय न्यास को बताया कि सनातन हिंदू धर्म के सर्वोच्च धर्म आचार्यों का न्यास है

Updated on: 20 Jan 2020, 10:37 PM

अयोध्या:

राम मंदिर निर्माण के ट्रस्ट को लेकर नया विवाद सामने आ गया है. राम मंदिर निर्माण की जिम्मेदारी रामालय न्यास को दिए जाने की मांग की है. यह मांग स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने की है. उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि रामालय न्यास को जिम्मेदारी नहीं मिलने पर न्यास कोर्ट जाएगी. रामालय न्यास को बताया कि सनातन हिंदू धर्म के सर्वोच्च धर्म आचार्यों का न्यास है. साथ ही उन्होंने कहा कि इसकी उपेक्षा केंद्र सरकार नहीं कर सकती है.

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उन्होंने कहा कि अगर इसकी उपेक्षा कर ट्रस्ट गठित किया जाता है, तो इसका विरोध किया जाएगा. स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा मंदिर का निर्माण नहीं हो रहा, बल्कि जीर्णोद्धार हो रहा है. उन्होंने कहा कि पूज्य शंकराचार्य के निर्देश पर बाल मंदिर का निर्माण कराया जा रहा है. मंदिर बनने तक बाल मंदिर में देव विग्रह रखा जाएगा. बाल मंदिर चंदन की लकड़ी से निर्मित हो रहा है.

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साथ ही उन्होंने कहा कि बाल मंदिर स्वर्ण जड़ित भी होगा. रामालय न्यास को मंदिर निर्माण की जिम्मेदारी मिलने पर अंकोरवाट की तर्ज पर मंदिर बनेगा. यह मंदिर 1008 फुट ऊंचा होगा और 1008 किलो सोने से यह मंडित भी होगा. बता दें कि द्वारिका पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के प्रमुख शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद हैं. राम मंदिर ट्रस्ट के निर्माण के लिए कवायद तेज हो चुकी है. केंद्र सरकार की ओर से करीब एक दर्जन नामों विचार किया जा रहा है. इसी बीच विश्व हिंदू परिषद और साधू-संतों की 20-21 फरवरी को प्रयागराज में अहम बैठक होने वाली है. माना जा रहा है कि इस बैठक में संत समाज 2 अप्रैल को रामनवमी के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से राम मंदिर की आधारशिला रखने की अपील कर सकता है.

जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार राम मंदिर ट्रस्ट के लिए एक दर्जन से अधिक नामों पर विचार कर रही है. इनमें नामों में राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष नृत्यगोपाल दास, दिगंबर अखाड़ा के अध्यक्ष महंत सुरेश दास (अयोध्या मामले में ये सुप्रीम कोर्ट में एक पक्षकार थे), जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरी, निर्मोही अखाड़ा के सरपंच रामचंद्र आचार्या या अखाड़ा के अयोध्या अध्यक्ष महंत दिनेंद्र दास, मणिरामदास छावनी के अध्यक्ष महंत कमलानयन दास, राम लला के 'सखा' त्रिलोकी नाथ पांडे, VHP के उपाध्यक्ष चंपत राय और कुछ दूसरे अखाड़ों के अध्यक्ष का नाम शामिल है.