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इलाहाबाद का नाम प्रयागराज करने पर योगी सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने दिया नोटिस

उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने इलाहाबाद (Allahabad) का नाम बदल कर प्रयागराज (Prayagraj) किए जाने को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार को सोमवार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा.

Updated on: 20 Jan 2020, 12:06 PM

प्रयागराज:

उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने इलाहाबाद (Allahabad) का नाम बदल कर प्रयागराज (Prayagraj) किए जाने को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार को सोमवार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा. यह जनहित याचिका ‘इलाहाबाद हेरिटेज सोसायटी’ की ओर से जारी की गई है। प्रधान न्यायाधीश एस. ए. बोबडे और न्यायमूर्ति बी. आर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की एक पीठ ने राज्य को नोटिस जारी किया. केन्द्र सरकार ने पिछले साल एक जनवरी को इलाहाबाद का नाम बदल कर प्रयागराज करने की मंजूरी दी थी.

याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार को रेलवे स्टेशन, केंद्रीय विश्वविद्याल का नाम बदलने का अधिकार नहीं है. यह अधिकार केंद्र सरकार के पास है. साल 2019 में ही उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने इलाहाबाद का नाम बदलने का ऐलान किया था. इस निर्णय पर मुहर लगने के बाद यहां का आधिकारिक नाम प्रयागराज कर दिया था.

इलाहाबाद का नाम प्रयागराज करने के प्रस्ताव संतों ने राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पास पेश किया था. इसके बाद सीएम योगी ने इस बात की घोषणा की थी. अब इलाहाबाद का नाम प्रयागराज करने को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है.

इस मामले की सुनवाई करने वाली बेंच के सदस्य जस्टिस अशोक भूषण ने खुद को केस से अलग कर लिया था. जिसके बाद अब यह मामला नई बेंच देख रही है. मामले की सुनवाई करने वाली बेंच के सदस्य जस्टिस अशोक भूषण ने इससे खुद को अलग कर लिया था. अब नई बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है.