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कोरोना में कालाबाजारी पर सख्त कार्रवाई, मेडिकल स्टोर सील, आटा-चक्की के खिलाफ कठोर कदम

कालाबाजारी पकड़ने को लेकर की गयी छापामारी के दौरान छोटे-छोटे कई दुकानदारों को चेतावनी देकर छोड़ दिया गया.

Updated on: 26 Mar 2020, 01:42 PM

गाजियाबाद:

कोरोना को बेदम करने के लिए लागू 'लॉकडाउन' के 21 दिन की अवधि ज्यों-ज्यों आगे की ओर खिसक रही है, इलाकाई गली-मुहल्लों में मौजूद दुकानदार लूट-खसोट पर उतर आए हैं. इसी कालाबाजारी को रोकने के लिए स्थानीय जिलाधिकारी द्वारा बनाई गयी टीमों ने बुधवार को पूरे दिन गाजियाबाद, मोदी नगर, मुराद नगर इलाकों में छापामारी की. कालाबाजारी पकड़ने को लेकर की गयी छापामारी के दौरान छोटे-छोटे कई दुकानदारों को चेतावनी देकर छोड़ दिया गया. जबकि इंदिरापुरम में एक आटा चक्की वाले के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की गयी. इसी तरह एक मेडिकल को सील कर दिया गया. वहीं दिल्ली से सटे नोएडा, ग्रेटर नोएडा में भी लॉकडाउन उल्लंघन करने की खबरें बुधवार को दिन भर आती रहीं. इन इलाकों में सैकड़ों लोगों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्यवाही की गयी.

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मालीवाड़ा इलाके में एक मेडिकल स्टोर पर छापा मारा

यह जानकारी जिला प्रशासन द्वारा ही मीडिया को दी गयी. जानकारी के मुताबिक, सदर एसडीएम प्रशांत तिवारी की टीम ने बुधवार को गाजियाबाद के मालीवाड़ा इलाके में एक मेडिकल स्टोर पर छापा मारा. इस मेडिकल स्टोर पर 20 रुपये की कीमत का मास्क ज्यादा कीमत में बेचे जाने पर उसे सील कर दिया गया. मेडकिल स्टोर पर 10 हजार रुपया आर्थिक दंड लगाकर उसका लाइसेंस भी रद्द कर दिया गया है. गाजियाबाद के अपर नगर मजिस्ट्रेट डी.पी. सिंह के नेतृत्व वाली टीम ने पॉश एरिया इंदिरापुरम में बुधवार दोपहर बाद छापा मारा. यहां इस टीम ने गली मुहल्ले में खुली कई छोटी बड़ी रोजमर्रा संबंधी सामान की दुकानों की जांच की. छापे के दौरान टीम को एक चक्की व दाल स्टोर पर सामान निर्धारत कीमत से ज्यादा मूल्य पर बिकता मिला. लिहाजा मौके पर ही टीम ने आरोपी दुकान चक्की संचालक के खिलाफ मामला दर्ज कर दिया.

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सामान की नाजायज कीमतें वसूले जाने पर कार्रवाई

गाजियाबाद के सिटी मजिस्ट्रेट शिव प्रताप शुक्ला और मंडी सचिव की टीमों ने 200 से ज्यादा ठेले, 250 के करीब ऑटो-ई-रिक्शा में सब्जी इत्यादि लदवाकर इलाकों में विक्रेताओं के जरिये भिजवाया. गाजियाबाद के लोनी इलाके से भी बुधवार को दिन भर लॉकडाउन में सामान की नाजायज कीमतें वसूले जाने की खबरें जिला प्रशासन की टीमों को मिलती रहीं. कई जगहों पर टीमों ने छापा भी मारा. जिला प्रशासन प्रवक्ता के मुताबिक, लोनी में ज्यादा कीमत वसूलने वाले 15 से ज्यादा दुकानदारों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही अमल में लाई गयी.

700 लोगों पर 150 से ज्यादा मामले दर्ज

गाजियाबाद जिला पुलिस प्रवक्ता सोनवीर सिंह सोलंकी ने गुरुवार को आईएएनएस को फोन पर बताया, "बुधवार को लॉकडाउन के दौरान जिले में 700 लोगों पर 150 से ज्यादा मामले दर्ज किये गये. पांच हजार से ज्यादा वाहनों का चालान किया गया. जबकि 240 वाहनों को सीज कर दिया गया, यह कार्यवाही लॉकडाउन उल्लंघन करने वालों के खिलाफ की गयी."राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और यूपी के गाजियाबाद की सीमा पर बसे नोएडा (गौतमबुद्ध नगर जिला) में बुधवार को दिन भर पुलिस, लॉकडाउन तोड़ने वालों के खिलाफ कार्यवाही करने में जुटी दिखाई दी.

405 लोगों के खिलाफ कार्यवाही की गयी

गौतमबुद्ध नगर जिला पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक, "यहां बिना किसी वजह बाहर निकलने वाले 405 लोगों के खिलाफ कार्यवाही की गयी. जबकि जिले में 2500 से ज्यादा वाहनों के चालान काटे गये. 250 से ज्यादा वाहनों को जब्त कर लिया गया."अपर पुलिस उपायुक्त रणविजय सिंह के मुताबिक, लॉकडाउन का मजाक उड़ाने वालों और कालाबाजारी करने वालों पर पुलिस और जिला प्रशासन की टीमें लगातार नजर रखे है.

250 चालान, 9 वाहनों को पुलिस ने मौके पर जब्त किया

गुरुवार को आईएएनएस से बात करते हुए डीसीपी ग्रेटर नोएडा राजेश कुमार सिंह ने कहा, ग्रेटर नोएडा के आवासीय सेक्टर्स व हमारे सीमा क्षेत्र में स्थित दादरी, जारचा, दनकौर, कासना, इकोटेक प्रथम, जेवर, रबूपुरा इलाकों में बुधवार को सुबह से देर रात तक टीमें लॉकडाउन को निर्वाध कामयाब बनाने में जुटी रहीं. इस दौरान एक ही दिन में 250 चालान काटे गये. 9 वाहनों को पुलिस ने मौके पर ही जब्त कर लिया. जबकि लॉकडाउन का मखौल उड़ाने की जुर्रत करने वाले 23 लोगों के खिलाफ 7 मामले अलग अलग थानों में दर्ज किये गये हैं.

जिला पुलिस और प्रशासन की टीमें मदद भी पहुंचा रही हैं

डीसीपी ग्रेटर नोएडा ने आगे कहा ,"पुलिस या जिला प्रशासन को यह कड़े कदम उन्हीं लोगों के खिलाफ उठाने को मजबूर होना पड़ रहा है जो, लॉकडाउन या फिर कोरोना जैसी त्रासदी की गंभीरता को नहीं समझना चाहते हैं. वरना तमाम लोगों की ग्रेटर नोएडा में जिला पुलिस और प्रशासन की टीमें मदद भी पहुंचा रही हैं. पुलिस कानून बंदोबस्तों के साथ यह भी देख रही है कि, कहीं लॉकडाउन के दौरान सहयोग कर रहे घरों में बैठे किसी भी इंसान को जरुरत की वस्तु के लिए परेशान न होना पड़े.' '