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मिर्जापुर में धरने पर बैठीं प्रियंका गांधी, बोलीं- सोनभद्र के पीड़ितों से मिलकर रहूंगी

सोनभद्र नरसंहार के बाद उत्तर प्रदेश में सियासी बवाल शुरू हो गया है.

Updated on: 19 Jul 2019, 10:54 PM

नई दिल्ली:

सोनभद्र नरसंहार के बाद उत्तर प्रदेश में सियासी बवाल शुरू हो गया है. पीड़ितों से मिलने जा रहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के काफिले को नारायणपुर पुलिस स्टेशन के पास रोक दिया गया और सोनभद्र जाने की इजाजत नहीं दी गई. इस पर प्रियंका गांधी मिर्जापुर में ही रात में रुकी हैं.

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कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने अपनी गिरफ्तारी और सोनभद्र जाने से रोके जाने पर प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, 'मैंने न कोई कानून तोड़ा है न कोई अपराध किया है, बल्कि सुबह से मैंने स्पष्ट किया था कि प्रशासन चाहे तो मैं अकेली उनके साथ पीड़ित परिवारों से मिलने आदिवासियों के गांव जाने को तैयार हूं, या प्रशासन जिस तरीके से भी मुझे उनसे मिलाना चाहता है मैं तैयार हूं. लेकिन, यूपी प्रशासन द्वारा मुझे पिछले 9 घंटे से गिरफ्तार करके चुनार किले में रखा हुआ है.

प्रियंका गांधी ने कहा कि प्रशासन कह रहा है कि मुझे 50,000 की जमानत देनी है अन्यथा मुझे 14 दिन के लिए जेल की सजा दी जाएगी, मगर वे मुझे सोनभद्र नहीं जाने देंगे ऐसा उन्हें ऊपर से ऑर्डर है. इसके बाद प्रियंका गांधी ने एक अन्य ट्वीट में कहा, 'मैं नरसंहार का दंश झेल रहे गरीब आदिवासियों से मिलने, उनकी व्यथा-कथा जानने आई हूं. जनता का सेवक होने के नाते यह मेरा धर्म है और नैतिक अधिकार भी. उनसे मिलने का मेरा निर्णय अडिग है. मगर इसके बावजूद यूपी सरकार ने यह तमाशा किया हुआ है. जनता सब देख रही है.

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प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने आगे कहा कि मैं इस संदर्भ में जमानत को अनैतिक मानती हूं और इसे देने को तैयार नहीं हूं. मेरी साफ मांग है कि मुझे पीड़ित आदिवासियों से मिलने दिया जाए. सरकार को जो उचित लगे वह करे. बता दें कि प्रियंका गांधी मिर्जापुर के चुनार गेस्ट हाउस में अभी रुकी हुई हैं. मिर्जापुर के स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि चुनार गेस्ट हाउस में प्रशासन बिजली में कटौती करना चाहता है. कार्यकर्ताओं का कहना है कि प्रशासन प्रियंका गांधी को परेशान करना चाहता है, जिससे वे जगह छोड़कर चली जाएं. लेकिन हम मोमबत्ती लेकर ही विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे.

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने अपनी गिरफ्तारी पर कहा कि मुख्यमंत्री योगी पर सवाल उठाते हुए कहा कि पहले मुझे यह बताएं मेरी गिरफ्तारी क्यों की गई. क्या पीड़ित परिवार से मिलना अपराध की श्रेणी में आता है. मैं इस संदर्भ में जमानत को अनैतिक मानती हूं और इसे देने को तैयार नहीं हूं. मेरी साफ मांग है कि मुझे पीड़ित आदिवासियों से मिलने दिया जाय. सरकार को जो उचित लगे वह करे.

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कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया है कि उत्तर प्रदेश सरकार की ड्यूटी है अपराधियों को पकड़ना. मेरा कर्तव्य है अपराध से पीड़ित लोगों के पक्ष में खड़े होना. बीजेपी अपराध रोकने में तो नाकामयाब है, मगर मुझे मेरा कर्तव्य करने से रोक रही है. मुझे पीड़ितों के समर्थन में खड़े होने से कोई रोक नहीं सकता. सोनभद्र में पीड़ित परिवारों से मिलने से रोके जाने पर नारायणपुर में धरने पर बैठीं प्रियंका गांधी ने कहा, हम बस पीड़ित परिवार से मिलना चाहते हैं. मैं तो यहां तक कहा कि मेरे साथ सिर्फ 4 लोग होंगे. फिर भी प्रशासन हमें वहां जाने नहीं दे रहा है. उन्हें हमें बताना चाहिए कि हमें क्यों रोका जा रहा है. हम यहां शांति से बैठे रहेंगे.