सोनभद्र हिंसा: प्रियंका गांधी के मुद्दे पर राहुल गांधी ने योगी सरकार को घेरा, कहा- ये सरकार तानाशाही
उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में हुए गोलीकांड में मारे गए दस लोगों के परिवार के सदस्यों से मिलने की जिद पर अड़ीं कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा से पीड़ित परिवार के सदस्यों ने चुनार किला के गेस्ट हाउस में आकर मुलाकात की.
नई दिल्ली:
उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में हुए गोलीकांड में मारे गए दस लोगों के परिवार के सदस्यों से मिलने की जिद पर अड़ीं कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा से पीड़ित परिवार के सदस्यों ने चुनार किला के गेस्ट हाउस में आकर मुलाकात की. चुनार किला के गेस्ट हाउस के बाहर प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ कांग्रेस के नेताओं के धरना के बीच में ही गेस्ट हाउस में पीड़ित परिवार को लाया गया. इनमें चार महिलाओं के साथ एक पुरुष भी हैं. प्रियंका ने सभी पीड़ित परिवार से सोनभद्र कांड के बारे में जानकारी ली. इसी दौरान पीड़ित परिवार की महिलाओं ने प्रियंका गांधी को देखते ही रोना शुरू कर दिया. उनका रोता देख प्रियंका गांधी भी भावुक नजर आई.
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वहींं इस मुद्दे पर राहुल गांधी योगी सरकार पर हमला बोलते हुए भी नजर आए. उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट पर लिखा, 'सोनभद्र नरसंहार के पीड़ित परिवारों से मिलने जा रही कांग्रेस महासचिव श्रीमती प्रियंका गांधी वाड्रा को तानाशाही प्रवृति वाली यूपी सरकार ने चुनार गेस्ट हाउस में कैद करके बिना बिजली-पानी के रातभर रोके रखना लोकतंत्र को कुचलने की कोशिश है. कांग्रेस इन हथकंडों से डरकर दलितों और आदिवासियों की लड़ाई लड़ना बंद नहीं करेगी.
बता दें कि इस बीच सोनभद्र में घटनास्थल पर जा रहीं प्रियंका गांधी को मिर्जापुर में ही रोक दिया गया था. इसके बाद प्रियंका गांधी वहीं पर धरने पर बैठ गई और प्रशासन ने उन्हें हिरासत में ले लिया. बताया जा रहा है कि उन्हें मिर्जापुर के किसी गेस्ट हाउस में रखा गया था. प्रशासन ने धारा 144 का हवाला देते हुए प्रियंका गांधी को रोक लिया था.
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गौरतलब है कि बता दें कि सोनभद्र जिले के घोरावल तहसील के उभ्भा गांव में जमीन पर कब्जे को लेकर हिंसा हुई थी. इस दौरान 10 लोगों की हत्या कर दी गई थी. पुलिस के मुताबिक, गांव में दो पक्षों में सालों से जमीन को लेकर विवाद चल रहा है. ग्राम प्रधान ने 2 साल पहले 100 बीघा जमीन खरीदी थी. जिसपर वो सहयोगियों के साथ कब्जा करने पहुंचा था. लेकिन जब दूसरे पक्ष ने इसका विरोध किया तो प्रधान और उसके साथियों ने उस पक्ष पर गोलियां चला दीं. जिसमें 10 लोगों की जान चली गई थी. हालांकि इस मामले में 24 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
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