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चचा शिवपाल के लिए सपा के दरवाजे खुले, अखिलेश ने दिया बड़ा बयान

अब सब कुछ लुटा कर होश में आए के अंदाज में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने चचा शिवपाल यादव की समाजवादी पार्टी में ढके-छिपे अंदाज में वापसी के संकेत दिए हैं.

Updated on: 20 Sep 2019, 05:11 PM

highlights

  • अपने कार्यकाल के आखिरी दिनों में अखिलेश यादव ने उठाए कई क्रांतिकारी कदम.
  • इनमें सबसे प्रमुख रहा शिवपाल यादव को बाहर का रास्ता दिखाना.
  • अब शिवपाल की वापसी की संभावनाओं पर दिखाया सकारात्मक रुख.

लखनऊ:

इस घर को आग लग गई घर के चिराग से की तर्ज पर पहले तो शिवपाल यादव समेत तमाम जनाधार वाले नेताओं को समाजवादी पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया. फिर विधानसभा चुनाव समेत लोकसभा चुनाव में एकतरफा फैसले लेकर पार्टी की लुटिया डुबो दी. अब सब कुछ लुटा कर होश में आए के अंदाज में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने चचा शिवपाल यादव की समाजवादी पार्टी में ढके-छिपे अंदाज में वापसी के संकेत दिए हैं. उत्तर प्रदेश के सियासी अखाड़े में अगर यह बेल मुंडेर चढ़ती है, तो राजनीतिक समीकरणों को नए सिरे से समझने-बिछाने की नौबत तय मानी जा सकती है.

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एकला चलो की नीति पर चले अखिलेश
उत्तर प्रदेश के सबसे युवा मुख्यमंत्री बतौर सत्ता संभालने वाले अखिलेश यादव के राजनीतिक ककहरा सिखाने वाले शिवपाल सिंह यादव से संबंध इस कदर बिगड़े कि उन्होंने न सिर्फ उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया, बल्कि उनके शुभचिंतकों पर भी कोई रहम नहीं दिखाया. यहां तक कि इस मसले पर उन्होंने सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव तक की सलाह नहीं मानी. अखिलेश यादव ने एकला चलो की नीति अपना ऐसे तमाम फैसले लिए जिन्होंने उत्तर प्रदेश की राजनीति में भूचाल सा ला दिया.

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सबकी सलाह दरकिनार कर किया बसपा से गठबंधन
इसमें भी सबसे अहम रहा सपा की धुर विरोधी पार्टी बसपा से गठबंधन. यह दीगर बात है कि शिवपाल यादव ने अपनी अलग पार्टी लांच की और अखिलेश को इशारों-इशारों में समझाया भी, लेकिन अखिलेश यादव ने किसी सलाह पर कान नहीं दिए. विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त के बाद लोकसभा चुनाव में बसपा के हाथों अपना जनाधार लुटाने के बाद संभवतः अखिलेश यादव बदलते माहौल में सपा के भविष्य को लेकर चिंतित प्रतीत हो रहे हैं.

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शिवपाल यादव की संभावनाओं पर दिखाया पॉजिटिव रुख
यही वजह है कि लखनऊ में आयोजित पत्रकार वार्ता में जब उनसे समाजवादी पार्टी में शिवपाल यादव की वापसी की संभावनाओं के बारे में पूछा गया तो अखिलेश यादव ने कहा, हमारे परिवार में लोकतांत्रिक व्यवस्था है. ऐसे में जो भी आना चाहता है, उसके लिए पार्टी के दरवाजे हमेशा खुले हैं. यहां हरएक का स्वागत है. जाहिर है अखिलेश यादव के इस बयान के बाद उत्तर प्रदेश की राजनीति में कयासबाजी का दौर शुरू हो गया है.