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बाबरी 'कलंक' का मलबा मांगना राम मंदिर निर्माण रोकने की साजिश है : वसीम रिजवी

बाबरी एक्शन कमेटी (Babri Masjid Action Committee) जल्द ही विवादित ढांचे के अवशेष की मांग को लेकर कोर्ट में अपील करने की तैयारी की है. जिस पर शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.

Updated on: 12 Feb 2020, 01:18 PM

अयोध्या:

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए केंद्र सरकार ने राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का ऐलान कर दिया है. वहीं यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुरूप मस्जिद के लिए 5 एकड़ जमीन भी आवंटित कर दी है. इसी बीच बाबरी एक्शन कमेटी (Babri Masjid Action Committee) जल्द ही विवादित ढांचे के अवशेष की मांग को लेकर कोर्ट में अपील करने की तैयारी की है. जिस पर शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.

उन्होंने कड़े शब्दों में कहा कि बाबरी कलंक का मलबा मांगना मंदिर निर्माण को रोकने की एक साजिश है. उन्होंने कहा कि मीर बाकी और बाबर गधों पर लादकर अफगानिस्तान से मलबा लेकर नहीं आए थे. अयोध्या में बने मंदिरों को तोड़ कर कलंकित इमारत बनाई गई थी. अयोध्या भगवान श्रीराम की है. भगवान श्रीराम की जन्म भूमि जिसे मुगलों ने अपवित्र कर दिया था वह अब पवित्र हो चुकी है. उसकी एक मुट्ठी मिट्टी भी किसी राक्षस रूपी विचार धारा को रखने वाले को देना बहुत बड़ा पाप है.

दाढ़ी वालों को देख कर आज लोग डरते हैं

मंगलवार को देवबंद पहुंचे केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) ने दारुल उलूम को आतंकियों का गढ़ बता दिया. उन्होंने कहा कि दारूल उलूम आतंकियों की गंगोत्री है. इसके साथ ही उन्होंने मुस्लिम राष्ट्र बनाने की साजिश का इशारा किया. इस बात पर भी वसीम रिजवी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.

उन्होंने कहा कि देवबंदी इस्लामिक साजिश देश के पढ़े-लिखे नौजवानों को कट्टरपंथी बना रही है. अब अब्दुल कलाम जैसे मुस्लिमों का हिंदुस्तान के लिए दिया गया योगदान बस एक इतिहास है. अब देवबंदी विचारधारा के लाखों कसाब तैयार करने की तैयारी हो रही है. पहले इस्लामिक दाढ़ी रखने वाले व्यक्ति को उसके आचरण से सम्मान की नजर से देखा जाता था. अब इस्लामिक दाढ़ी रखने वाले व्यक्ति को देख कर भय और खौफ पैदा होता है. ये देवबंद जैसे मदरसों की देन है.