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दरोगा भर्ती के अभ्यर्थियों को बड़ी राहत, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिया ये बड़ा फैसला

लिखित, साक्षात्कार और शारीरिक दक्षता परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को मेडिकल टेस्ट के आधार पर फेल नहीं किया जा सकता

Updated on: 04 Aug 2019, 06:08 AM

highlights

  • दरोगा भर्ती के अभ्यर्थी को हाईकोर्ट से बड़ी राहत
  • हाईकोर्ट ने मेडिकल टेस्ट के आधार पर फेल करने का आदेश किया रद्द
  • मेडिकल टेस्ट के आधार पर फेल नहीं किया जा सकता

नई दिल्ली:

दरोगा भर्ती 2016 के अभ्यर्थी को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. हाईकोर्ट ने मेडिकल टेस्ट के आधार पर फेल करने का आदेश रद्द कर दिया. उच्च न्यायालय ने कहा कि मेडिकल टेस्ट के आधार पर अभ्यर्थी को फेल नहीं माना जाएगा. लिखित, साक्षात्कार और शारीरिक दक्षता परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थी को मेडिकल टेस्ट के आधार पर फेल नहीं किया जा सकता. पूर्व में भानू प्रताप राजपूत केस में दिये फैसले का हवाला देते हुए कोर्ट ने आदेश दिया.

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कोर्ट ने पुलिस भर्ती बोर्ड को याची की नियुक्ति पर नये सिरे से विचार कर निर्णय लेने का आदेश दिया. शोभित प्रजापति ने याचिका दाखिल की थी. जस्टिस अश्विनी कुमार मिश्र की एकलपीठ ने आदेश दिया. वहीं इससे पहले इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाराणसी से बतौर सांसद निर्वाचन को चुनौती देने वाली एक चुनाव याचिका पर उन्हें शुक्रवार को नोटिस जारी किया था. न्यायमूर्ति एमके गुप्ता ने यह नोटिस जारी करते हुए इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 21 अगस्त तय की थी.

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यह चुनाव याचिका सीमा सुरक्षा बल के बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव द्वारा दायर की गई है. यादव को समाजवादी पार्टी ने वाराणसी लोकसभा सीट से उम्मीदवार घोषित किया था, लेकिन रिटर्निंग अधिकारी द्वारा उनका नामांकन पत्र खारिज किए जाने से वह चुनाव नहीं लड़ सके थे. वाराणसी के जिला रिटर्निंग अधिकारी ने तेज बहादुर यादव को यह प्रमाण पत्र जमा करने को कहा गया था कि उन्हें भ्रष्टाचार या बेइमानी की वजह से तो नहीं हटाया गया, लेकिन यह प्रमाण देने में विफल रहने पर एक मई, 2019 को उनका नामांकन पत्र खारिज कर दिया गया था.