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आजम खान का 'रोना' आया काम, भावुक अपीलों से जीतीं पत्नी तंजीन फातिमा!

Rampur By Election Results (रामपुर विधानसभा उपचुनाव परिणाम) 2019ः समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता और मौजूदा सांसद आजम खान के गढ़ रामपुर में एक बार फिर पूरी ताकत झोंकने के बावजूद भारतीय जनता पार्टी को सफलता नहीं मिली है. लाख कानूनी दांव-पेंचों के जरिए आजम खान की प्रशासनिक और सरकारी घेराबंदी कर बीजेपी उनके किले को भेद में नाकाम रही है.

Updated on: 24 Oct 2019, 04:14 PM

रामपुर:

Rampur By Election Results (रामपुर विधानसभा उपचुनाव परिणाम) 2019ः समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता और मौजूदा सांसद आजम खान के गढ़ रामपुर में एक बार फिर पूरी ताकत झोंकने के बावजूद भारतीय जनता पार्टी को सफलता नहीं मिली है. लाख कानूनी दांव-पेंचों के जरिए आजम खान की प्रशासनिक और सरकारी घेराबंदी कर बीजेपी उनके किले को भेद में नाकाम रही है. रामपुर सीट पर हुए उपचुनाव में सपा उम्मीदवार और आजम खान की पत्नी तंजीन फातिमा ने भारी मतों से जीत हासिल की है. उन्होंने बीजेपी के उम्मीदवार भारत भूषण गुप्ता को 7578 वोटों हराया है. इस सीट पर उपचुनाव में कुल 7 उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे.

आजम खान की भावुक अपील का असर

रामपुर विधानसभा सीट पहले से ही समाजवादी पार्टी के लिए प्रतिष्ठा का विषय है, इसीलिए वह इसे किसी भी कीमत पर जीतना चाहती थी. आजम खान ने भी अपनी पत्नी के समर्थन में कई चुनावी जनसभाएं की, जिनमें वो लगातार भावुक अपील करते नजर आए. उन्होंने प्रशासन की कार्रवाई को ही अपना हथियार बनाया. सभाओं में अपने और परिवार के खिलाफ दर्ज मुकदमों की दास्तां सुनाकर तीन बार रो भी चुके हैं. इसके अलावा वह प्रशासन पर बर्बरता का आरोप भी लगाते रहे, जो कहीं न कहीं तंजीन फातिमा को जिताने में काम आया.

9 बार रामपुर से विधायक रहे हैं आजम खान

राज्य की जिन 11 विधानसभा सीटों पर उप-चुनाव होने हैं, उनमें से इकलौती यही सीट समाजवादी पार्टी के पास थी. इस साल मई में लोकसभा चुनावों के लिए आजम खान के निर्वाचित होने के बाद रामपुर विधानसभा सीट खाली हो गई थी. रामपुर विधानसभा सीट के इतिहास को देखें तो आजम यहां सन 1980 से लेकर अब तक चुनाव जीते हैं. हां, एक बार 1996 में कांग्रेस से वह चुनाव हारे थे. इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. 2017 में जब बीजेपी की सुनामी आई थी, तब आजम अपनी और अपने बेटे की सीट बचाने में कामयाब रहे थे. अब उन्हीं के इस्तीफे के बाद यहां उपचुनाव हुआ है.

आजम खान का मजबूत किला है रामपुर

रामपुर को आजम खान का बहुत मजबूत किला माना जाता है. 2019 के लोकसभा चुनाव में जब भाजपा ने पूरी ताक झोंक दी थी, तब उन्होंने अपनी सीट अच्छे मार्जिन से जीती थी. इसी वजह से एक चकित करने वाले कदम उठाते हुए समाजवादी पार्टी (सपा) ने तंजीन फातिमा को रामपुर से अपना उम्मीदवार घोषित किया था. तंजीन फातिमा राज्यसभा सांसद हैं और समाजवादी पार्टी के सांसद मोहम्मद आजम खान की पत्नी हैं. तंजीन फातिमा पहली बार रामपुर विधानसभा सीट से उपचुनाव लड़ने के लिए उतरीं. तंजीन राज्यसभा सांसद भी हैं, लेकिन उनका कार्यकाल अगले साल नवंबर में पूरा हो जाएगा.

सहानुभूति फैक्टर को भुनाने में तंजीन फातिमा कामयाब

समाजवादी पार्टी की ओर से रामपुर से तंजीन फातिमा को चुनाव लड़ाने का विचार सहानुभूति फैक्टर को भुनाने का रहा, जो लगभग सफल रहा. क्योंकि इस उपचुनाव से पहले बीते तीन महीनों में आजम खान और उनका परिवार कानूनी शिंकजों में फंस गया था. आजम इस समय 85 से अधिक मामलों में नामजद हैं. उनके खिलाफ मामले जमीन हड़पने, जबरन कब्जा, किताबों, मूर्तियों, भैंस और बकरी की चोरी और फर्जीवाड़े से संबंधित हैं.