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प्रयागराज में धार्मिक टिप्पणी के आरोप में लोगों ने ट्रैफिक इंस्पेक्टर को पीटा

अवैध वसूली के आरोप में भीड़ ने ट्रैफिक पुलिस के दरोगा को भरे बाजार में पीट दिया. मामला यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के प्रयागराज जिले का है. जहां ट्रैफिक पुलिस के दरोगा ने पहले मुंबई जा रहे मुसाफिरों की कार को रोक कर उनसे मारपीट की.

Updated on: 04 May 2019, 06:31 PM

प्रयागराज:

अवैध वसूली के आरोप में भीड़ ने ट्रैफिक पुलिस के दरोगा को भरे बाजार में पीट दिया. मामला यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के प्रयागराज जिले का है. जहां ट्रैफिक पुलिस के दरोगा ने पहले मुंबई जा रहे मुसाफिरों की कार को रोक कर उनसे मारपीट की. आरोप यह भी है कि दरोगा ने धार्मिक आधार पर बुर्का पहनी महिलाओं से बदतमीजी की. जिसके बाद सड़क पर लोगों का हुजूम आ गया. लोगों की भीड़ जब बढ़ने लगी तब दरोगा जी सड़क पर भागने लगे. भीड़ ने उन्हें पकड़ लिया और सरेआम पीट दिया. धक्कामुक्की में दरोगा जी की वर्दी फट गई.

मामला प्रयागराज के सबसे पॉश इलाका सिविल लाइन्स का है. सिविल लाइन्स के बस स्टेशन चौराहे पर सुल्तानपुर से एक परिवार मुंबई की ट्रेन पकड़ने जा रहा था. परिवार टवेरा गाड़ी में सवार था. बस स्टेशन चौराहे पर ट्रैफिक पुलिस ने गाड़ी को रोक कर कागज की छानबीन की. आरोप है कि कागज दिखाने के बाद भी पुलिस ने जबरन लोगों को रोके रखा.

गाड़ी में बैठे मुस्लिम परिवार ने आरोप लगाया कि ट्रैफिक दरोगा ने उनकी महिलाओं के बुर्का पहनने पर अभद्र टिप्पणी की. इस पर महिलाओं ने हंगामा शुरू कर दिया. जिसके बाद सैकड़ों लोगों की भीड़ जमा हो गई. भीड़ के तेवर गर्म देख कर आरोपी दरोगा उमाकांत त्रिपाठी वहां से खुद को बचा कर निकालने लगा. दरोगा वहां से भागा और एक अन्य पुलिस वाले की गाड़ी पर बैठकर जाने लगा.

तब तक किसी ने उसे गाड़ी से खींच कर गिरा दिया. बाइक से गिरने के बाद दरोगा को लोगों ने जमकर पीटा. दरोगा जी जब पिटे तो वापस उन्होंने लौट कर पुलिस बल को बुलाया. दरोगा उमाकांत ने धार्मिक हवाला देकर पिटाई व बुर्का पहने हुई महिलाओं से बदसलूकी के आरोप को गलत करार दिया है. उन्होंने इस मामले में खुद को बेगुनाह बताया है.

दरोगा ने कार सवार परिवार पर ही आरोप लगाया है कि उन्होंने भीड़ को बुलाकर उनकी पिटाई करवाई. मौके पर पहुंची पुलिस दोनो पक्षों को पकड़कर थाने ले आई. इस हंगामें के कारण परिवार की ट्रेन छूट गई. इस मामले में पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया है. ट्रैफिक पुलिस ने भी अवैध वसूली के आरोपों को नकारा है.