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प्रियंका गांधी अंदरूनी मोर्चे पर भी जूझ रहीं, अब पार्टी के वरिष्ठों को मनाने में जुटीं

गलती का अहसास होने के बाद पार्टी भूल सुधारने का प्रयास कर रही है. सूत्रों के अनुसार कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा पार्टी में वरिष्ठों को वापस लाने की शुरुआत करने वाली हैं.

Updated on: 02 Jan 2020, 05:52 PM

highlights

  • उत्तर प्रदेश में बीते साल कांग्रेस ने 10 वरिष्ठ नेताओं को निकाला.
  • गलती का अहसास होने के बाद पार्टी भूल सुधारने में जुटी.
  • प्रियंका गांधी वाड्रा पार्टी में वरिष्ठों को वापस लाने की शुरुआत करेंगी.

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उत्तर प्रदेश में बीते साल कांग्रेस से 10 वरिष्ठ नेताओं को निकाल दिया गया था. अब गलती का अहसास होने के बाद पार्टी भूल सुधारने का प्रयास कर रही है. सूत्रों के अनुसार कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा पार्टी में वरिष्ठों को वापस लाने की शुरुआत करने वाली हैं. प्रियंका ने युवा नेताओं से प्रत्येक गांव, ब्लॉक और जिले में वरिष्ठ नेताओं से मिलकर पार्टी को फिर से स्थापित करने को लेकर उनसे मार्गदर्शन प्राप्त करने की मांग की है. गौरतलब है कि हाल ही में लखनऊ दौरे पर आई महासचिव ने पार्टी को फिर से जीवित करने के लिए युवाओं की ऊर्जा और वरिष्ठों के अनुभव की जरूरत पर जोर दिया था.

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लंच-डिनर डिप्लोमेसी का सहारा
प्रियंका पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के लिए लंच/डिनर आयोजित करने की योजना बना रही हैं, जिसमें पूर्व सांसद और विधायक भी शामिल हो सकते हैं. पार्टी के एक नेता ने कहा, 'मौसम में थोड़ी गर्मी बढ़ते ही लंच/डिनर के साथ बैठक का आयोजन जल्द से जल्द किया जाएगा. कार्यक्रम का स्थान दिल्ली या लखनऊ हो सकता है, प्राथमिकता दिल्ली ही है, ताकि पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी भी कार्यक्रम में शामिल हो सकें. कार्यक्रम के माध्यम से उन वरिष्ठ नेताओं तक पहुंचना है, जिन्होंने पार्टी छोड़ दी है.'

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कांग्रेस में युवा-वरिष्ठ नेताओं में दरार
बीते नवंबर में कांग्रेस द्वारा 10 वरिष्ठ नेताओं को पार्टी से निकालने के बाद से ही पार्टी में वरिष्ठों और युवाओं के बीच दरार देखी जा रही है. यह दरार तब और गहरी हो गई, जब पार्टी के वरिष्ठ नेता क्रांति कुमार का निधन 3 दिसंबर को हो गया. प्रियंका उनके आवास पर नहीं गई, जबकि क्रांति कुमार का निवास स्थान राज्य में कांग्रेस मुख्यालय से मात्र 1 किलोमीटर दूरी पर स्थित है. कांग्रेस की स्थापना दिवस कार्यक्रम में 28 दिसंबर को पार्टी से निष्कासित नेता भी शामिल हुए थे. वरिष्ठ नेताओं ने सोनिया गांधी से भी मुलाकात करनी चाही थी, लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला था.

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रंग ला सकती हैं मुहिम
पार्टी से निष्कासित एक वरिष्ठ नेता ने कहा, 'हम पूरी तरह से प्रियंका को दोष नहीं देंगे. अगर उन्हें क्रांति कुमार के निधन के बारे में जानकारी नहीं थी, तो इसमें दोष राज्य के नेतृत्वकर्ता का है. क्या यूपीसीसी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने उन्हें इस बारे में जानकारी दी थी?' पार्टी से निष्कासित नेता हाजी सिराज मेहंदी ने कहा, 'हमनें कभी नहीं कहा कि हम पार्टी के साथ नहीं हैं. हम में से कई ने इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के साथ काम किया है और पार्टी की नीतियां हमारे खून में है. वह नेतृत्वकर्ता है, जिन्होंने हमें उनसे मिलने का और अपनी भावनाओं को व्यक्त करने का मौका नहीं दिया.'