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प्रयागराज में बाढ़ से मचा हाहाकार, गंगा खतरे के निशान से पार, 3 दिन तक स्कूल बंद

गंगा नदी ने मंगलवार की शाम ही खतरे का निशान को पार कर चुकी है. जबकि यमुना नदी खतरे के निशान से महज 6 सेंटीमीटर नीचे बह रही है.

Updated on: 18 Sep 2019, 08:06 AM

प्रयागराज:

संगम नगरी प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों के जलस्तर बढ़ने का सिलसिला जारी है. गंगा नदी ने मंगलवार की शाम ही खतरे का निशान को पार कर चुकी है. जबकि यमुना नदी खतरे के निशान से महज 6 सेंटीमीटर नीचे बह रही है. फाफामऊ में गंगा नदी का जलस्तर 84.75 मीटर पहुंचा है और नैनी में यमुना नदी का जलस्तर पहुंचा 84.58 मीटर है. दोनों नदियों का डेंजर लेवल 84.734 मीटर है. नदियों का जलस्तर बढ़ने के बाद आई बाढ़ से कई मोहल्ले और तटीय इलाके जलमग्न हो गए हैं. लोगों के घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है.

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एनडीआरएफ की टीमें राहत और बचाव कार्य में लगाई गई है. बाढ़ में फंसे लोगों को बाहर निकाला जा रहा है. गंगा और यमुना नदियों की बाढ़ से अब तक 143 परिवार बेघर हो गए हैं. 143 परिवारों के 1474 लोगों ने 9 बाढ़ शिविरों में शरण ली है, जहां जिला प्रशासन ने लोगों के खाने पीने का भी इंतजाम किया है. जिला प्रशासन ने कुल 31 बाढ़ शिविरों में प्रभावितों के रहने की व्यवस्था की है.

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बाढ़ के चलते प्रयागराज के स्कूलों में 18 सितंबर से 21 सितंबर तक तीन दिन का अवकाश घोषित कर दिया गया है. सुरक्षा की दृष्टि से गंगा और यमुना नदी के तट से 5 किलोमीटर के दूरी के स्कूलों में अवकाश रहेगा. ग्रामीण क्षेत्र के सभी बोर्डों के कक्षा एक से 12वीं तक के स्कूल तीन दिन बंद रहेंगे. शहरी क्षेत्र के तटीय विद्यालयों में भी शिक्षण कार्य स्थगित रहेगा. डीएम भानु चंद्र गोस्वामी ने आदेश का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया है.