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मान गए योग गुरु रामदेव, यूपी में ही बनेगा पतंजलि फूडपार्क

पतंजलि के प्रवक्ता एस के तिजारावाला ने कहा कि हम यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के प्रतिबद्धता की काफी इज़्जत करते हैं, इसलिए हम पतंजलि फूडपार्क को यूपी से बाहर नहीं जाने देंगे।

Updated on: 06 Jun 2018, 05:35 PM

नई दिल्ली:

योग गुरु रामदेव फूडपार्क को यूपी में लगाने पर मान गए हैं। सीएम योगी ने इस बारे में योग गुरु रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) आचार्य बालकृष्ण से बात कर उन्हें यूपी में ही फूडपार्क लगाने को कहा है।

इस बारे में ज़्यादा जानकारी देते हुए पतंजलि के प्रवक्ता एस के तिजारावाला ने कहा कि हम यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के प्रतिबद्धता की काफी इज़्जत करते हैं, इसलिए हम पतंजलि फूडपार्क को यूपी से बाहर नहीं जाने देंगे।

तिजारावाला ने कहा, 'हम (पतंजलि) योगी आदित्यनाथ के आश्वासन पर भरोसा करते हैं। यूपी सीएम ने आचार्य बालकृष्ण और बाबा रामदेव से बात की है और मामले को लेकर आश्वासन दिया है। हम योगी आदित्यनाथ के प्रतिबद्धता की इज़्जत करते हैं, इसलिए हम फूड पार्क को यूपी से बाहर नहीं जाने देंगे।'

इससे पहले उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने पतंजलि फूडपार्क के मामले में कहा कि मुख्यमंत्री योगी ने इस मुद्दे पर मंगलवार को बाबा रामदेव से बात की। पतंजली फूड पार्क को लेकर जल्द ही कोई निर्णय लिया जाएगा।

महाना ने कहा, 'जो जमीन उन्हें (बाबा रामदेव) आवंटित है, वह पतंजलि आयुर्वेद के नाम पर है लेकिन वे उसे पतंजलि फूड्स के नाम से चाहते थे। इस मामले में एक और एमओयू साइन करने की आवश्यकता नहीं है। कैबिनेट बैठक से पहले ही इस पर निर्णय ले लिया जाएगा।'

योगी आदित्यनाथ ने अब खुद योग गुरू बाबा रामदेव से बात कर मामले को संभालने का प्रयास किया है। उन्होंने अधिकारियों को कैबिनेट की अगली बैठक में ही इससे जुड़े प्रस्ताव को पेश करने का निर्देश दिया।

गौरतलब है कि सरकार ने बाबा रामदेव के नेतृत्व वाली पतंजलि के ग्रेटर नोएडा के पास प्रस्तावित मेगा फूड पार्क की सैद्घांतिक अनुमति को रद्द करने के लिए नोटिस भेजा है। अगर कंपनी की तरफ से उचित जवाब नहीं मिलता है तो उसे मिली सैद्घांतिक अनुमति अगले महीने रद्द भी हो सकती है।

पतंजलि आयुर्वेद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आचार्य बालकृष्ण का कहना है कि इस परियोजना में उत्तर प्रदेश सरकार का अपेक्षित सहयोग नहीं मिल रहा है। इस वजह से उन्होंने इस परियोजना को किसी और राज्य में ले जाने का मन बनाया है।

बालकृष्ण का कहना है कि ग्रेटर नोएडा के पास करीब 450 एकड़ में विकसित होने वाली इस परियोजना में करीब 6,000 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित था।

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