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सार्वजनिक स्थलों पर लगेंगे 'पर्यावरण के दुश्मन' साइन बोर्ड, प्रदूषण फैलाने वालों के दर्ज होंगे नाम

दिल्ली-एनसीआर में पिछले तीन दिनों में ठंडी हवाओं से भले ही मौसम साफ हो गया है, लेकिन वायु प्रदूषण अभी पूरी तरह से कम नहीं हुआ है. दिल्ली के अलावा गाजियाबाद और नोएडा में भी कुछ इसी तरह की स्थिति है.

Updated on: 18 Nov 2019, 12:57 PM

गाजियाबाद:

दिल्ली-एनसीआर में पिछले तीन दिनों में ठंडी हवाओं से भले ही मौसम साफ हो गया है, लेकिन वायु प्रदूषण अभी पूरी तरह से कम नहीं हुआ है. दिल्ली के अलावा गाजियाबाद और नोएडा में भी कुछ इसी तरह की स्थिति है. ऐसे में अब गाजियाबाद में प्रदूषण फैलाने वालों को लेकर जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय ने बड़ा आदेश जारी किया है. आदेश के तहत अब सार्वजनिक स्थलों पर 'पर्यावरण के दुश्मन' नाम से साइन बोर्ड लगेंगे. साइन बोर्ड पर पॉल्यूशन फैलाने वालों के नाम सार्वजनिक किए जाएंगे.

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जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय के आदेश के मुताबिक, सरकारी विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही मिली तो उनके नाम भी 'पर्यावरण के दुश्मन' वाली सूची में दर्ज किए जाएंगे. अजय शंकर पांडेय ने आदेश दिए हैं कि जिले में प्रदूषण रोकने के लिए ग्राम प्रधान, लेखपाल, सभासद और सफाई सुपरवाइजर, एसडीएम समेत नगर निगम के अधिकारी नियमों को तोड़ने वालों पर कार्रवाई करें. पॉल्यूशन फैलाने वाले या पराली जलाने वालों पर केस भी दर्ज किया जाएगा.

प्रदूषण फैलाने को लेकर उद्योग, किसानों पर 2 लाख रुपये का जुर्माना

उधर, प्रदूषण को लेकर बढ़ती चिंता के बीच उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर और शामली जिलों में प्रदूषण के खिलाफ अभियान चलाया गया. दोनों जिलों के प्रशासन ने प्रदूषण फैलाने वाले उद्योग और फसल अवशेष जलाने वाले किसानों के खिलाफ अभियान चलाया और जुर्माना लगाया. इन पर कुल मिलाकर 2 लाख रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया गया है. अधिकारियों ने रविवार को यह बताया.

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शामली जिलाधिकारी अखिलेश ने कहा कि शनिवार को निरीक्षण के दौरान प्रशासन ने प्रदूषण फैलाने को लेकर चीनी मिल पर 6000 रुपये, इस्पात कारखाने पर 7500 रुपये और जेएसजैन एग्रो इंडस्ट्रीज पर 87500 रुपये का जुर्माना लगाया गया. उन्होंने बताया कि खेतों में फसली अवशेष जलाने पर 35 किसानों पर भी 2500-2500 रुपये का जुर्माना लगाया गया. इसके अलावा मुजफ्फरनगर में भी प्लास्टिक जलाने को लेकर एक विनिर्माण इकाई पर 50000 रुपये का जुर्माना लगाया गया और 12 इकाइयों को नोटिस जारी किए गए.

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