logo-image

UP: इस बड़े मेडिकल कॉलेज में घंटों तक बत्ती गुल, मोबाइल टॉर्च और मोमबत्ती के सहारे इलाज

डॉक्टरों को मोमबत्ती और मोबाइल टार्च रौशनी में इलाज करना पड़ रहा है.

Updated on: 20 Sep 2019, 02:07 PM

बहराइच:

बहराइच जनपद में हुई भीषण बारिश से पूरे शहर की व्यवस्था चरमरा गई. मेडिकल कॉलेज के वार्डों में भरा पानी भरा हुआ है. पूरे अस्पताल की बिजली गुल हो गई है और सुबह 11 से रात 10 बजे तक बिजली न आने की वजह से इन्वर्टर भी डिस्चार्ज हो गए हैं. डॉक्टरों को मोमबत्ती और मोबाइल टार्च रौशनी में इलाज करना पड़ रहा है. जहां एक तरफ डॉक्टरों को मोमबत्ती और मोबाइल टार्च का सहारा लेना पड़ रहा है, वहीं दूसरी तरफ वार्डों में उमस और गर्मी इतनी है कि मरीज और तीमारदार हाथ के पंखे से गर्मी भगाने का प्रयास कर रहे हैं.

यह भी पढ़ेंः सैलरी लेने गई महिला को महिला ठेकेदार ने ही बेच दिया, फिर जो हुआ वो...

बहराइच के जिला अस्पताल को मेडिकल कॉलेज का दर्जा तो दे दिया गया है, लेकिन जनरेटर या सौर्य ऊर्जा की समुचित व्यवस्था नहीं कि गई, जिससे यहां आने वाले मरीजों को कदम कदम पर दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है. इस अस्पताल का हाल इस वक्त ग्रामीण इलाकों में चल रहे छोटे-मोटे अस्पतालों जैसा ही हो गया है. जबकि 500 बेड के इस अस्पताल में बलरामपुर, गोण्डा और नेपाल तक से मरीज इस विश्वास के साथ आते हैं बहराइच में बड़ा अस्पताल है, वहां इलाज की समुचित व्यवस्था होगी.

वयस्क मरीज और तीमारदार तो परेशान हैं ही, छोटे बच्चों का हाल और बुरा है. वह अंधेरे और गर्मी से इतना व्याकुल हैं कि हर तरफ बच्चों के रोने की आवाज़ें सुनाई दे रही है. तीमारदार महिलाओं की आबरू पर भी खतरा मंडरा रहा है, क्योंकि उन्हें पानी लेने, दवा लेने और खाना लेने मजबूरन बाहर जाना ही है. जहां उचक्के ऐसे मौके का फायदा उठा कर उनके साथ कोई भी हादसा कर सकते हैं.

यह भी पढ़ेंः यौन शोषण के आरोपी स्वामी चिन्मयानंद को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया

मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ डी.के. सिंह ने बताया कि बारिश इतनी भीषण थी कि वार्डों सहित मेरे रूम तक में पानी भर गया था. सामने जो नाला बहता था, उसकी दीवार गिर गई. जिससे पानी का निकास बन्द हो गया और पानी अस्पताल में जगह-जगह भर गया. वार्डों में लाइट न होने की वजह से मोमबत्ती और टार्च की रोशनी में इलाज करना पड़ा था. उन्होंने कहा कि ऐसा मेरी ज़िन्दगी में पहली बार हुआ है जब पानी अस्पताल में भर गया और बड़ी भीषण स्थित बनी. मरीज़, तीमारदार और डॉक्टर सभी परेशान थे.