मुसलमान सड़क पर नमाज नहीं पढ़ें, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने दी नसीहत
इस सवाल पर कि सड़क तो कोई खाली जगह नहीं है. मौलाना ने कहा, 'मैं इसके आगे कुछ नहीं कहना चाहता. मेरी बात का मतलब निकालने का काम सुनने और पढ़ने वालों पर छोड़ दें.'
highlights
- रशीद फरंगी महली ने कहा हिंदुत्व में जोर जबर्दस्ती की गुंजाइश नहीं.
- वली रहमानी ने खाली जगह पर नमाज पढ़ना जायज बताया.
- सड़क खाली जगह नहीं पर बोले मेरे बयान का मतलब आप निकाल लें.
नई दिल्ली.:
उत्तर प्रदेश के कुछ शहरों में सड़क पर नमाज पढ़ने के विरोध में कुछ हिंदूवादी संगठनों द्वारा हनुमान चालीसा का पाठ किए जाने की घटनाओं के बीच मुस्लिम धर्मगुरुओं ने सड़क पर नमाज अदा करने से परहेज करने को कहा है. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना वली रहमानी ने रविवार को कहा, 'शरीयत के हिसाब से खाली जगह पर नमाज अदा की जा सकती है. खाली जगह पर नमाज पढ़ना जायज है.'
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हिंदुत्व में जोर जबर्दस्ती की गुंजाइश नहीं
इस सवाल पर कि सड़क तो कोई खाली जगह नहीं है. मौलाना ने कहा, 'मैं इसके आगे कुछ नहीं कहना चाहता. मेरी बात का मतलब निकालने का काम सुनने और पढ़ने वालों पर छोड़ दें.' उधर, कथित हिंदूवादी संगठनों द्वारा जबरन 'जय श्रीराम' बुलवाने और विरोध पर मारपीट किए जाने की हाल की घटनाओं पर बोर्ड के एक अन्य वरिष्ठ सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि उन्होंने हिंदुत्व के बारे में जितना भी पढ़ा है, उसमें कहीं भी जोर जबर्दस्ती की गुंजाइश नहीं है.
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जबरन जयकारा नहीं लगवाएं
फरंगी महली ने कहा कि भगवान राम ने कहीं भी अपने मानने वालों से यह नहीं कहा है कि किसी से जबरन जयकारा लगवाएं. राम तो मर्यादा पुरुषोत्तम हैं. उनके नाम पर अमर्यादित आचरण कैसे किया जा सकता है? उन्होंने कहा, 'जो लोग ऐसा कर रहे हैं, मुझे लगता है कि उन्हें भगवान राम और उनकी शिक्षा पर गहराई से अध्ययन करना चाहिए, ताकि उन्हें पता चले कि वह जिनके नाम पर जुल्म कर रहे हैं, उनका इस बारे में क्या कहना है.'
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'मुस्लिमों पर धौंस जमाना'
मौलाना वली रहमानी ने हालांकि हनुमान चालीसा पाठ पर कहा कि भगवा चोला पहनकर, अराजकता फैलाना, मुस्लिम समाज पर धौंस मारना, कुछ लोगों की आदत बन गई है. दूसरी ओर, मुसलमानों का मार खाने के बाद बिलबिला कर रह जाने का मिजाज बन गया है. खालिद रशीद फरंगी महली ने सड़क पर नमाज पढ़े जाने के मुद्दे पर खुलकर अपनी राय रखी.
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मजबूरी में सड़क पर पढ़ते हैं नमाज
फरंगी महली ने कहा, 'नमाज अल्लाह की इबादत है. किसी को तकलीफ देकर इबादत करना ठीक नहीं है.' हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि सड़क पर नमाज पढ़ना कोई रोजाना की बात नहीं है. सिर्फ जुमे के दिन, वह भी चंद मस्जिदों में जब जगह भर जाती है तो लोग मजबूरन सड़क पर नमाज पढ़ते हैं लेकिन अगर किसी को इस सिलसिले में कोई एतराज है तो नमाजियों को थोड़ी जहमत उठाकर दूसरी मस्जिदों में वक्त से पहुंचकर नमाज अदा कर लेनी चाहिए.'
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सड़क पर हनुमान चालीसा पढ़ी थी हिंदुओं
मालूम हो कि यूपी के हाथरस जिले में हाल में हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने सड़क पर नमाज पढ़े जाने के विरोध में सिकन्दराराऊ क्षेत्र में हनुमान मंदिर के बाहर सड़क पर 'हनुमान चालीसा' का पाठ किया था. वाहिनी के सदस्यों का कहना था कि जब सड़क पर नमाज पढ़ी जा सकती है तो हनुमान चालीसा क्यों नहीं? उनका यह भी कहना था कि अब हर मंगलवार को सड़क पर हनुमान चालीसा पाठ किया जाएगा. अलीगढ़ में भी सड़क पर नमाज पढ़े जाने के विरोध में हनुमान चालीसा का पाठ शुरू होने का संज्ञान लेते हुए सड़क पर बिना इजाजत ऐसी किसी भी गतिविधि पर स्थानीय प्रशासन ने प्रतिबंध लगा दिया था.
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