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मुन्ना बजरंगी के मानव अधिकारों का हुआ उल्लंघन, परिवार को मुआवजा दे सकती है सरकार

पूर्वांचल के माफिया डॉन रहे प्रेम प्रकाश उर्फ मुन्ना बजरंगी के मानवाधिकारों का उल्लंघन हुआ था. मुन्ना बजरंगी की पत्नी ने पहले ही लेटर जारी करके पेशी के दौरान अपने पति के फर्जी एनकाउंटर किए जाने की आशंका जताई थी.

Updated on: 21 Nov 2019, 11:03 AM

लखनऊ:

पूर्वांचल के माफिया डॉन रहे प्रेम प्रकाश उर्फ मुन्ना बजरंगी के मानवाधिकारों का उल्लंघन हुआ था. मुन्ना बजरंगी की पत्नी ने पहले ही लेटर जारी करके पेशी के दौरान अपने पति के फर्जी एनकाउंटर किए जाने की आशंका जताई थी. इसी कारण यूपी सरकार ने अब मुन्ना बजरंगी के परिवार को 5 लाख रुपये का मुआवजा देने का फैसला किया है. सरकार को यह आदेश राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने दिया है. मुन्ना बजरंगी की हत्या के मामले में आयोग जांच करवा रही है. NHRC की ओर से RTI के जवाब में इस बात का खुलासा हुआ है.

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आपको बता दें कि जुलाई 2018 में बागपत की जेल में माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इसी दौरान ये खुलासा भी हुआ था कि मुन्ना बजरंगी की पत्नी सीमा ने साल 2017 में ही NHRC समेत तमाम विभागों को चिट्टी लिख कर इस बात की आशंका जताई थी कि उनके पति का फर्जी एनकाउंटर किया जा सकता है.

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इसी शिकायत के आधार एनएचआरसी ने माना है कि मुन्ना बजरंगी के मानवाधिकार का उल्लंघन हुआ है. मानवाधिकार आयोन ने 5 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश जारी किया है. आपको बता दें कि मुन्ना बजरंगी पूर्वांचल के ही एक माफिया डॉन के इशारे पर काम करता था. आरोप है कि उसी के इशारे पर मुन्ना बजरंगी ने बीजेपी नेता कृष्णानंद राय की गोलियों से भून कर हत्या कर दी थी.

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जिसके बाद से पुलिस पर मुन्ना बजरंगी का शिकंजा कसता चला गया. मुन्ना बजरंगी को जुलाई 2017 में झांसी जेल से बागपत पेशी पर लाया गया था. रात हो जाने के कारण उसे बागपत जेल में रखा गया. 9 जुलाई को जेल के अंदर ही मुन्ना बजरंगी की गोली मार कर हत्या कर दी गई. हत्या का आरोप जेल में बंद सुनील राठी पर लगा था.