नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी पर मायावती ने दिया बड़ा बयान, कही ये बात
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती ने वैश्विक स्तर पर गरीबी के अभिशाप के विरुद्ध शोध करने वाले भारतीय मूल के अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी को विश्व के सर्वश्रेष्ट नोबेल पुरस्कार से सम्मानित होने पर बधाई दी है.
लखनऊ:
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती ने वैश्विक स्तर पर गरीबी के अभिशाप के विरुद्ध शोध करने वाले भारतीय मूल के अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी को विश्व के सर्वश्रेष्ट नोबेल पुरस्कार से सम्मानित होने पर बधाई दी है. इसके साथ ही मायावती ने कहा है कि अभिजीत बनर्जी की इस उपलब्धि को राजनीतिक चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए.
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उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने ट्वीट कर कहा, 'गरीबी के अभिशाप के विरुद्ध शोध करने वाले भारतीय मूल के अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी को विश्व के सर्वश्रेष्ट नोबेल पुरस्कार से सम्मानित होने पर बधाई व भरपूर स्वागत. लेकिन इसे यहां राजनीतिक चश्मे से देखना पूरी तरह से गलत बल्कि भारतीय होने के नाते इसपर गर्व किया जाए तो बेहतर है.'
गरीबी के अभिशाप के विरुद्ध शोध करने वाले भारतीय मूल के अर्थशास्त्री श्री अभिजीत बनर्जी को विश्व के सर्वश्रेष्ट नोबेल पुरस्कार से सम्मानित होने पर बधाई व भरपूर स्वागत। लेकिन इसे यहाँ राजनीतिक चश्मे से देखना पूरी तरह से गलत बल्कि भारतीय होने के नाते इसपर गर्व किया जाए तो बेहतर है।
— Mayawati (@Mayawati) October 20, 2019
गौरतलब है कि वैश्विक स्तर पर गरीबी निवारण के मकसद से आर्थिक उपायों की खोज के लिए हाल ही में अभिजीत बनर्जी के अलावा एस्थर डुफ्लो और माइकल क्रेमर के साथ संयुक्त रूप से अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया है. अभिजीत बनर्जी भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक हैं. बनर्जी का जन्म पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में हुआ था. उन्होंने साउथ प्वाइंट हाईस्कूल में पढ़ाई की. स्कूली शिक्षा के बाद उन्होंने साल 1981 में कलकत्ता विश्वविद्यालय के प्रेसिडेंसी कॉलेज से अर्थशास्त्र में स्नातक किया.
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बनर्जी दिल्ली स्थित जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालयय (जेएनयू) के पूर्व छात्र रहे हैं. उन्होंने 1983 में जेएनयू में अर्थशास्त्र में एमए किया. अभिजीत बनर्जी जेल भी जा चुके हैं. जेएनयू के तत्कालीन वाइस चांसलर पीएन श्रीवास्तव का विरोध करने के बाद छात्रों के घेराव करने पर उन्हें गिरफ्तार किया गया था और तिहाड़ जेल में भेज दिया गया था. हालांकि बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया. बनर्जी ने 1988 में हार्वर्ड विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की.
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