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मायावती ने बुलाई बसपा की अहम बैठक, संगठन में कर सकती हैं बड़ा फेरबदल

यह बैठक आज लखनऊ स्थित प्रदेश कार्यालय में सुबह 11 बजे होगी.

Updated on: 23 Jun 2019, 10:35 AM

नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव के बाद उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने संगठन की अहम बैठक बुलाई है. यह बैठक आज लखनऊ स्थित प्रदेश कार्यालय में सुबह 11 बजे होगी. इस बैठक में संगठन को मजूबत करने को लेकर समीक्षा की जाएगी. इसके अलावा उत्तर प्रदेश विधानसभा उपचुनावों को लेकर रणनीति बनाई जाएगी. साथ ही मायावती समाजवादी पार्टी से गठबंधन टूटने को लेकर बसपा कार्यकर्ताओं में कोई दुविधा न रहे, इसके लिए बैठक में आज पार्टी पदाधिकारियों से गठबंधन को लेकर स्थिति साफ कर सकती हैं. 

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लखनऊ में होने वाली इस बैठक में प्रदेश पदाधिकारियों के अलावा जोनल कॉर्डिनेटर और जिला प्रभारी बैठक में मौजूद रहेंगे. अन्य प्रदेश इकाई के पदाधिकारी भी आज बसपा कार्यालय पहुंचेंगे. कहा जा रहा है कि बैठक के बाद उत्तर प्रदेश और दूसरे अन्य प्रदेशों के संगठन में फेरबदल किया जा सकता है.

गौरतलब है कि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) उपचुनाव के सहारे 2022 के विधानसभा चुनाव का रास्ता तैयार करने की तैयारी में है. लोकसभा चुनाव में मिली सफलता के बाद से उत्तर प्रदेश में नंबर दो की हैसियत मिलने से मायावती को लगने लगा है कि पार्टी उपचुनाव में भी बहुत ज्यादा सीटों पर सफलता हासिल कर लेगी और अगले विधानसभा चुनाव में भी बाजी मार सकती है. 

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लोकसभा चुनाव की तरह ही विधानसभा के उपचुनाव में भी बसपा के लिए हारने को कुछ है नहीं, जीतने को सारा मैदान और लड़ने का भरपूर माद्दा भी है. पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा की लहर और सपा-कांग्रेस गठबंधन से अकेले लोहा लेकर भी मायावती अपना 'बेस वोट' बचाने में सफल रहीं हैं. इसीलिए बसपा मुखिया ने गठबंधन के बैगर ही उपचुनाव में अकेले हाथ अजमाने की सोची है. बसपा प्रमुख मायावती के पास उपचुनाव की 11 में से कम से कम चार सीटों पर जीत की उम्मीदें सजाने का आधार जरूर है.

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अभी बसपा के पास 19 विधायक हैं. ऐसे में वह चाहते हैं कि उपचुनाव के माध्यम से जो विधायक बढ़ सके वह बढ़ा ले, क्योंकि अभी ताजा-ताजा उन्होंने लोकसभा में सफलता पाई है. माना जा रहा है कि सपा की तुलना में बसपा की ज्यादा अच्छी तैयारी रहेगी. ऐसे में बसपा सकारात्मक सोच और बीजेपी के लिए चुनौती में नंबर वन है. अगर बसपा के पास नंबर अच्छे आते हैं, तो विधानसभा में अपनी बात सशक्त तरीके से रख सकते हैं. उपचुनाव में अच्छी संख्या मिलने पर इनका मनोबल भी बढ़ जाएगा, साथ ही मायावती का अपना लिटमस टेस्ट भी हो जाएगा.

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बता दें कि बसपा की इस समय विधानसभा में महज 19 सीटें हैं, जबकि पार्टी ने 403 सीटों पर चुनाव लड़ा था. पिछले विधानसभा चुनाव में सपा और कांग्रेस ने मिलकर चुनाव लड़ा था, जिसमें सपा को 47 और कांग्रेस को महज 7 सीटें ही मिली थीं.

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