तुगलकाबाद हिंसा के बाद बोलीं मायावती- 'हिंसा बसपा की परंपरा नहीं, हम संविधान के हिसाब से चलते हैं'
तुगलकाबाद इलाके में रविदास मंदिर तोड़े जाने के खिलाफ बुधवार शाम को लोगों ने रामलीला मैदान में विशाल प्रदर्शन किया. इस आंदोलन में भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर भी मौजूद थे.
highlights
- रविदास मंदिर तोड़े जाने के बाद कल हुई हिंसा
- रामलीला मैदान में जुटे थे विरोध प्रदर्शन के लिए लोग
- मायावती ने की हिंसा की निंदा
नई दिल्ली:
तुगलकाबाद इलाके में रविदास मंदिर तोड़े जाने के खिलाफ बुधवार शाम को लोगों ने रामलीला मैदान में विशाल प्रदर्शन किया. इस आंदोलन में भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर भी मौजूद थे. दिल्ली सरकार के मंत्री राजेंद्र पाल गौतम भी इसमें शामिल थे. विरोध प्रदर्शन में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश स दलित समुदाय के लोग सैकड़ों की संख्या में शामिल हुए.
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वहां से भीड़ का एक हिस्सा तुगलकाबाद पहुंचा और पत्थरबाजी शुरू कर दी. जिसके बाद कई घंटों तक बवाल की स्थिति बनी रही. इस हिंसा में 15 पुलिसकर्मियों समेत दर्जनभर लोग जख्मी हो गए. जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने कई राउंड फायरिंग भी की. इसके बाद अर्धसैनिक बलों ने भी आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर को गिरफ्तार कर लिया.
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इस हिंसा को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती ने हिंसा को पूरी तरह गलत बताया है. मायावती ने कहा है कि ''बीएसपी के लोगों द्वारा कानून को अपने हांथ में नहीं लेने की जो परम्परा है वह पूरी तरह से आज भी बरकरार है जबकि दूसरी पार्टियों व संगठनों के लिए यह आम बात है. हमें अपने संतों, गुरुओं व महापुरुषों के सम्मान में बेकसूर लोगों को किसी भी प्रकार की तकलीफ व क्षति नहीं पहुँचानी है.
1. बीएसपी के लोगों द्वारा कानून को अपने हांथ में नहीं लेने की जो परम्परा है वह पूरी तरह से आज भी बरकरार है जबकि दूसरी पार्टियों व संगठनों के लिए यह आम बात है। हमें अपने संतों, गुरुओं व महापुरुषों के सम्मान में बेकसूर लोगोंं को किसी भी प्रकार की तकलीफ व क्षति नहीं पहुँचानी है।
— Mayawati (@Mayawati) August 22, 2019
इसीलिए कल दिल्ली के खासकर तुगलकाबाद क्षेत्र में जो तोड़फोड़ आदि की घटनायें घटित हुई हैं वह अनुचित है तथा उससे बीएसपी का कुछ भी लेना-देना नहीं है. बीएसपी संविधान व कानून का हमेशा सम्मान करती है तथा इस पार्टी का संघर्ष कानून के दायरे में ही रहकर होता है.
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बीएसपी के लोगों को किसी भी अतिदुःखद घटना के घटने के बाद अगर सरकार कहीं पर धारा 144 के तहत प्रतिबंध लगाती है तो उसका उल्लंघन नहीं करना है व अन्य पार्टियों के नेताओं की तरह घटनास्थल पर जबर्दस्ती नहीं जाना है ताकि सरकार को निरंकुश व द्वेषपूर्ण कार्रवाई करने का मौका नहीं मिल सके.''
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बुधवार की रात दिल्ली के तुगलकाबाद में हुई हिंसा में अब तक 91 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. बृहस्पतिवार की सुबह पूरे इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया गया. दिल्ली पुलिस के जवानों के साथ पैरामिलिट्री फोर्स के जवानों को भी तैनात किया गया है.
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