logo-image

मायावती ने किए संगठन में फेरबदल, दानिश फिर बने संसदीय दल के नेता

उत्तर प्रदेश विधानसभा उपचुनाव के बाद बसपा प्रमुख मायावती (Mayawati) ने बुधवार को संगठन समीक्षा की और इस दौरान उन्होंने काफी फेरबदल कर दिए हैं.

Updated on: 06 Nov 2019, 08:54 PM

नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश विधानसभा उपचुनाव के बाद बसपा प्रमुख मायावती ने बुधवार को संगठन समीक्षा की और इस दौरान उन्होंने काफी फेरबदल कर दिए हैं. बसपा मुखिया ने कोऑर्डिनेटर, मंडल और जोन व्यवस्था भंग कर सेक्टर व्यवस्था लागू करने की घोषणा की है. उन्होंने लोकसभा में कुंवर दानिश अली को संसदीय दल का नेता बनाया है. मायावती ने कुछ दिनों पहले ही कुंवर दानिश अली को पद मुक्त किया था. उन्होंने मुनकाद अली को भविष्य में भी बसपा प्रदेश अध्यक्ष बनाए रखने की बात कही. मायावती के इस कदम को उपचुनाव में मिली बुरी हार के बाद मुस्लिम कार्ड से जोड़कर देखा जा रहा है.

यह भी पढ़ेंः महाराष्ट्र: संजय राउत बोले- सरकार बनाने का नहीं मिला कोई प्रस्ताव तो कांग्रेस ने शिवसेना को दी ये नसीहत

मायावती के अनुसार, बसपा प्रदेश को चार सेक्टर में विभाजित कर कार्य करेगी और सेक्टर व बूथ कमेटियों को मजबूत बनाने पर ध्यान देगी. मायावती ने कार्यकर्ताओं से 2022 के विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटने का आह्वान किया है. उन्होंने उपचुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन पर रिपोर्ट तलब की है.

बसपा में अब पांच-पांच मंडलों के दो सेक्टर और चार-चार मंडलों के दो सेक्टर बनाए गए हैं. इसके अलावा तय किया गया है कि बसपा प्रदेश अध्यक्ष का पद बना रहेगा. पहले सेक्टर में लखनऊ, बरेली, मुरादाबाद, सहारनपुर और मेरठ हैं. दूसरे सेक्टर में आगरा, अलीगढ़, कानपुर, चित्रकूट और झांसी शामिल हैं. इसी प्रकार तीसरे सेक्टर में इलाहाबाद, मिर्जापुर, फैजाबाद व देवीपाटन और चौथे सेक्टर में वाराणसी, आजमगढ़, गोरखपुर और बस्ती मंडल शामिल हैं.

यह भी पढ़ेंः अयोध्या: राम चबूतरा, सीता रसोई व आंगन से दावा छोड़ने को तैयार, लेकिन ये जगह चाहिए: मौलाना अरशद मदनी

इस दौरान मायावती ने बयान जारी कर समाजवादी पार्टी पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने सपा को मुस्लिम विरोधी बताते हुए कहा कि सपा ने मुस्लिमों को ज्यादा टिकट देने पर भाजपा को लाभ मिलने की बात कही थी. मुस्लिम-दलित गठजोड़ से सपा और भाजपा परेशान हैं. मायावती ने कहा, "मैं और मेरी पार्टी मुस्लिम समाज को अहमियत देने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी. बसपा का मनोबल गिराने के लिए उपचुनाव में कोई सीट नहीं जीतने दिया गया. भाजपा और सपा अंदर से उपचुनाव में मिले हुए थे." मायावती ने बैठक में बूथ और सेक्टर कमेटियों को सक्रिय करने के निर्देश दिए हैं.