logo-image

...तो क्‍या उत्‍तर प्रदेश में THE END की तरफ जा रहा है महागठबंधन, अब अखिलेश ने भी दिए संकेत

एक दिन पहले मायावती ने नई दिल्‍ली में पार्टी की बैठक में 11 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में अकेले लड़ने का फैसला किया था.

Updated on: 04 Jun 2019, 08:05 AM

highlights

  • अखिलेश यादव ने कहा, अब अपने संसाधनों से लड़ेंगे चुनाव
  • बसपा प्रमुख मायावती ने भी एक दिन पहले दिए थे ऐसे ही संकेत
  • पहली बार उपचुनाव में उतरने जा रही है बसपा 

नई दिल्‍ली:

लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2019) में खराब प्रदर्शन के बाद अब लगता है कि महागठबंधन के दलों ने अपने रास्‍ते अलग करने का फैसला कर लिया है. बसपा प्रमुख मायावती के बाद अब सपा अध्‍यक्ष अखिलेश यादव ने भी संकेत दिया है कि समाजवादी पार्टी अब अपने संसाधनों के सहारे ही चुनाव लड़ेगी. एक दिन पहले मायावती ने नई दिल्‍ली में पार्टी की बैठक में 11 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में अकेले लड़ने का फैसला किया था.

यह भी पढ़ें : नई शिक्षा नीति के मसौदे से हिंदी की अनिवार्यता हटी, 6 और 7वीं क्लास में बदल सकेंगे भाषा

मायावती ने पार्टी की बैठक में आरोप लगाया था कि गठबंधन से पार्टी को कोई फायदा नहीं हुआ और यादवों का वोट बसपा उम्‍मीदवारों के खाते में नहीं गया. वहीं आजमगढ़ में जीत के बाद पहली बार कैमरे के सामने आए अखिलेश यादव ने आगे की लड़ाई के लिए नए प्लान पर काम करने की बात कही. उन्होंने कहा कि अब अपना साधन और अपने संसाधन से हम चुनाव लड़ेंगे.

हालांकि अखिलेश यादव ने यादवों का वोट ट्रांसफर नहीं होने की मायावती की टिप्पणी पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, लेकिन उन्होंने इशारों में इतनी बात जरूर कही कि अब वह अगली लड़ाई अपने संसाधन और अपने साधन से लड़ेंगे जिसका जल्द ही खुलासा भी करेंगे.

यह भी पढ़ें : सपा-बसपा गठबंधन को लेकर सच हुआ इस 'मौसम वैज्ञानिक' का दावा

आम तौर पर बसपा उपचुनाव नहीं लड़ती है, लेकिन इस बार मायावती ने उपचुनाव में उतरने का फैसला किया है. यह उपचुनाव विधायकों के सांसद चुन लिए जाने के चलते होगा. बीजेपी के नौ विधायकों ने लोकसभा चुनाव जीता है, जबकि बसपा और सपा के एक-एक विधायक लोकसभा के लिए चुने गए हैं.