logo-image

2013 में कुंभ मेले के दौरान मौत ने किया था 'तांडव', जानें इस बार कैसा है इंतजाम

प्रदेश सरकार देश-विदेश से जुटने वाले सभी श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए कड़े से कड़े इंतजाम में लगी है.

Updated on: 22 Dec 2018, 11:56 AM

नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में अगले साल जनवरी माह से शुरू होने वाले अर्द्ध कुंभ की तैयारियां जोर-शोर से जारी हैं. प्रदेश सरकार देश-विदेश से जुटने वाले सभी श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए कड़े से कड़े इंतजाम में लगी है. कुंभ मेले के पावन पर्व पर भारी संख्या में जुटने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा में कोई कमीं न रहे इसके लिए सरकार कई महीनों पहले से ही इस काम में जुटी है. खुद सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ से लेकर प्रदेश के अधिकारियों ने समय-समय पर जाकर मेले में व्यवस्था का जायजा लिया है. मेलों के दौरान सबसे बड़ी परेशानी भीड़ नियंत्रण की रहती है. अर्धकुंभ में किसी भी अनहोनी से बचने के लिए भीड़ प्रबंधन मेला प्रशासन की प्राथमिकताओं में से एक है. हालांकि इस बार कुंभ मेले में भीड़ नियंत्रण के लिए मेला प्रशासन ने कई कड़े इंतजाम किए हैं.

यह भी पढ़ें- Kumbh mela 2019: कुंभ जाने से पहले जान लें वहां क्या करें और क्या न करें

लेकिन अगर साल 2013 को याद किया जाए जब कुंभ मेले के दौरान प्रयागराज स्टेशन पर मची भगदड़  में लगभग 23 लोगों की मौत हो गई थी. दरअसल 10 फरवरी 2013 को प्रयागराज में शाही स्नान का दिन था. देर शाम का वक्त हो चला था. प्लेटफार्म पर भीड़ के चलते पैर रखने की भी जगह नहीं थी. इसी बीच स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 5 व 6 की सीढ़ियों पर भगदड़ मच गई. लोग चिल्लाने लगे. चारों तरफ चीख पुकार मच गई और चंद मिनटों में ही सीढ़ियों पर महिलाओं और मासूम बच्चों की लाशें नजर आने लगीं. जिसके बाद मौके पर पहुंची भारी पुलिस वल ने आकर घेरावंदी की और पुल के रास्तों को बंद कर दिया. जिसके बाद शुरू हुआ घायलों को अस्पताल ले जाने का सिलसिला. हादसे के बाद रेलवे पुलिस और रेलवे कर्मचारी बचाव कार्य में जुट गए. स्टेशन पर यात्रियों के सामान, जूते-चप्पल हर जगह बिखरे पड़े थे. चारों ओर लोग अपनों की तलाश में रोते-बिलखते घूम रहे थे. हादसे के बाद मामले की नैतिक जिम्मेदारी स्वीकार करते हुए सपा नेता आजम खान ने आल कुंभ मेला प्रभारी के पद से इस्तीफा दे दिया था.

हालांकि इस बार कुंभ मेले में भीड़ कंट्रोल और उसका आंकलन के लिए मेला प्रशासन ने तमाम पुख्ता इंतजाम किए हैं. मेला क्षेत्र में बने इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर से जुड़े कैमरे संगम तट पर भीड़ की निगरानी करेंगे. भीड़ अधिक बढ़ने पर कैमरे कमांड एंड कंट्रोल सेंटर को संकेत भेजेंगे. जिसके बाद मेला प्रशासन और पुलिस भीड़ नियंत्रण की अतिरिक्त व्यवस्था करेगी.

सेंसर युक्त एडवांस कैमरे

कुम्भ मेला क्षेत्र में हाईटेक सेंसरयुक्त कैमरे लगाए गए हैं जो 24 घंटे भीड़ का आकलन करेंगे. मेला में एक वर्ग मीटर में पांच लोगों का मानक तय किया गया है. ये कैमरे एक वर्ग मीटर में पांच से अधिक लोगों के होने पर अलर्ट भेजना शुरू कर देंगे.

एडवांस सिग्नल सिस्टम

कुंभ और स्मार्ट सिटी के तहत शहर के चौराहों पर हाईटेक सिग्नल लगाए जा रहे हैं. चौराहों पर लग रहे सिग्नलों की टाइमिंग वाहनों की भीड़ के आधार पर बदलेगी. यानी अगर वाहनों की भीड़ बढ़ी तो सिग्नल की टाइमिंग बदल जाएगी. इन सिग्नलों का संचालन भी मेला व पुलिस लाइन में बने इंटीग्रेटेडे कंट्रोल एंड कमांड सेंटर से होगा. सेंटर से सिग्नल का समय घटाने और बढ़ाने की सुविधा भी होगी.

सिग्नल के साथ चौराहों पर नाइट विजन कैमरे

शहर के चौराहों पर अत्याधुनिक सिग्नल के साथ नाइट विजन कैमरे लग रहे हैं. इन कैमरों से रात में चौराहों से आवागमन करने वाले वाहनों का मॉडल, रंग और नंबर देखा जा सकेगा. ये कैमरे भी इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर से जुड़े रहेंगे.

इन चौराहों पर लगेंगे कैमरे
अब तक प्राप्त जानकारी के अनुसार धोबीघाट, फायर ब्रिगेड, जीटी जवाहर, हर्षवर्धन चौराहा, बाल्मीकि चौराहा, बांगड़ धर्मशाला, बैरहना, महाराणा प्रताप चौराहा, धूमनगंज थाना, यायायात चौराहा, लेप्रोसी मिशन, बालसन, लोक सेवा आयोग, मजार चौराहा, आयकर भवन चौराहा, विश्वविद्यालय चौराहा, जानसेनगंज चौराहा, तेलियरगंज व अन्य एक चौराहा पर यह सिग्नल लगाए जाएंगे.

शहर में सफाई पर दिया जाएगा खास ध्यान

शहर में सफाई पर दिया जाएगा खास ध्यान नगर निगम की पांच सौ कूड़ा गाड़ियों की इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर निगरानी करेंगी. जिसके चलते नगर निगम की कूड़ा गाड़ियों को जीपीएस से लैस किया जा रहा है. जीपीएस लगने के बाद कूड़ा गाड़ियों के पल-पल का लोकेशन सेंटर में मिलेगा. यह व्यवस्था शहर की सफाई सुधारने के लिए किया जा रहा है.

कुम्भ के लिए जारी होगा यूनिक नंबर

मेला क्षेत्र व पुलिस लाइन में शुरू हुए इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर कुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं की मदद करेगा. श्रद्धालुओं की मदद के लिए कंट्रोल रूम में कॉल सेंटर बनाया गया है. इसमें 30 लोग श्रद्धालुओं की मदद करेंगे. श्रद्धालुओं की मदद के लिए एक चार अंकों का यूनीक नंबर जारी किया जाएगा. यूनीक नंबर पर कॉल कर कंट्रोल रूम से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.

इस तरह होगी सभी पर नजर

  • पूरे शहर में निगरानी के लिए 1100 से अधिक कैमरे लगेंगे.
  • कुम्भ मेला व आसपास के मोहल्ले में 450 कैमरे लग रहे हैं.
  • मेला क्षेत्र में अबतक 200 से ज्यादा कैमरे लग चुके हैं.
  • मदद के लिए कंट्रोल रूम के कॉल सेंटर में 30 लोग कार्यरत हैं.
  • संगम क्षेत्र के सेंटर पर 20 व पुलिस लाइन में 10 स्क्रीन लगी हैं.
  • शहर, मेला के अलावा पार्किंग स्थल भी कैमरे की नजर में रहेंगे.
  • 250 सिटी बसों में कैमरे लगाने की है योजना.

आपको बता दें कि इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर ढाई सौ करोड़ से बना प्रदेश का पहला कंट्रोल एंड कमांड सेंटर है. वहीं नगर निगम में कमांड एंड कंट्रोल का डाटा सेंटर बन रहा है. इस पूरी व्यवस्था को खड़ा करने में 200 से अधिक इंजीनियर व कर्मचारी काम कर रहे हैं. स्मार्ट सिटी के अत्याधुनिक प्रोजेक्ट से पूरे शहर की निगरानी हो सकेगी.