Kumbh Mela 2019: कुंभ मेले की व्यवस्था देख आप भी खुद को यहां आने से रोक नहीं पाएंगे
क्योंकि कुंभ का यह पावन पर्व अपनी व्यवस्था को लेकर न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी चर्चा का विषय रहता है.
नई दिल्ली:
साल 2019 में जनवरी माह से उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में शुरू हो रहे विश्व विख्यात पर्व कुंभ मेले में जुटने वाली श्रद्धालुओं भीड़ के लिए प्रदेश की सरकार ने पूरी तैयारियां कर ली हैं. क्योंकि कुंभ का यह पावन पर्व अपनी व्यवस्था को लेकर न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी चर्चा का विषय रहता है. इसलिए किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए यह कुंभ का पर्व अपनी तय चार स्थानों हरिद्वार, उज्जैन, प्रयाग और नासिक में जब भी होता है वहां की सरकरें भारी संख्या में आऐ तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए विशेष व्यवस्था प्रदान करती हैं.
जैसा कि हम जानते है इस बार यूपी के प्रयागराज में कुंभ का आयोजन जनवरी से मार्च माह तक होगा जिसके लिए सूबे की सरकार ने बहुत पहले से ही तैयारियां शुरू कर दीं थी. तो आइए जानते हैं क्या कुछ खास व्यवस्था है इस बार धर्मनगरी प्रयाग में..
कुंभ में यातायात योजना
प्रयागराज में भारत के बड़े शहरों से वायुयान द्वारा पहुंचा जा सकता है. कुंभ मेला क्षेत्र के निकट पहुंचने के लिये मंदर मोड़ के निकट बस सेवायें हेतु निकटतम बिन्दु है. कुंभ मेला भारतीय रेल सेवायें की उत्तर मध्य रेलवे, उत्तर पूर्वी रेलवे एवं शहरी रेलवे तंत्र के माध्यम से अच्छी पहुंच रखती है. प्रयागराज शहर, देश के बड़े शहरों जैसे दिल्ली, कोलकाता, लखनऊ, कानपुर इत्यादि तक सुविधाजनक आवागमन पर है. गाड़ियों को IRCTC सेवाओं https://www.irctc.co.in के माध्यम से पहले से बुक कराया जा सकता है. कुंभ मेला 2019(kumbh 2019) के दौरान ऊंची मांग की पूर्ति करने के लिये तीर्थयात्रियों एवं दर्शकगण के लिये विशेष ट्रेन सेवायें आरंभ की जाएगी.
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सड़क द्वरा भी जा सकते हैं कुंभ मेला- 2019 में आने वाले तीर्थयात्रीगण उत्तर प्रदेश के भीतर सभी बड़े शहरों और निकटवर्ती राजयों को सम्बद्व करती हुई सड़क परिवहन राज्य बस सुविधायें उपलबध कर सकते हैं. सड़क परिवहन मार्गों पर सूचनायें http://www.upsrtc.com/ से प्राप्त की जा सकती है.अपने निजी वाहनों से कुंभ मेला की यात्रा करने वाले तीर्थयात्रीगण प्रयागराज कुंभ मेला तक पहुंचने वाली सभी मार्गों से मांग की पूर्ति हेतु रणनीतिक रूप से नियोजित पार्किंग सुविधायें उपलब्ध कर सकते हैं. प्रदेश की सरकार द्वारा हर तरीके से तैयारियां की गईं हैं जैसे तीर्थयात्रीगण की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये किसी अनहोंनी या आगजनी से निपटने के लिए भी पहले से ही उपाय किए गए हैं.
फायर सर्विस -
मेले में 40 फायर स्टेशन 15 फायर चौकियों के साथ स्थापित की गईं हैं जो निम्नलिखित संसाधनों से सुसज्जित होंगे:
- छोटी और बड़े फायर कंट्रोल ट्रक.
- पानी छिड़काव के लिए बाइकें और जीपें.
- रेस्क्यू एण्ड फोम टेन्डर.
- फायर उपकरण एवं फायर एम्बुलेंस.
- स्वांस लेने के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर.
पुलिस फोर्स एवं आकस्मिक सेवा- कुम्भ मेला 2019 के लिये एक बड़ी पुलिस फोर्स तैयार की गयी है. सिविल पुलिस, यातायात पुलिस एवं सशस्त्र पुलिस, केन्द्रीय सशस्त्र बल, जल पुलिस, चौकीदार एवं होमगार्डस् के पर्याप्त बलों को नियोजित किया गया है.
निगरानी टावर-
भीड़ पर निगरानी रखने या किसी भी स्थिती का जायजा लेने के लिए मेले में निगरानी टावर लगाए गए हैं. मेले में तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा आयोजन के अन्य सभी पक्षों से शीर्ष प्राथमिकता पर है. कुंभ मेला के भीतर सुरक्षा सुनिश्चित करने और पवित्र समागम में व्यवस्था बनाये रखने के लिये कुंभ मेला पुलिस के द्वारा निम्नलिखित उपाय किये गए हैं -
- 40 पुलिस थाने, 3 महिला पुलिस थाना और 60 पुलिस चौकियों के साथ 4 पुलिस लाइनें कुंभ मेला का एक भाग के रूप में स्थापित किये जा रहे हैं. कुम्भ के नदी क्षेत्र के चारों ओर जल पुलिस की तीन ईकाइयां स्थापित रहेंगीं.
- 1 घुड़सवार पुलिस लाइन स्थापित किया जाएगा.
- भीड़ प्रबंधन हेतु वीडियो विश्लेषण
- भीड़ प्रबंधन हेतु वास्तविक समय वीडियो
- स्वचालित नम्बर प्लेट पहचान तंत्र (ए०एन०पी०आर०)
- रंगों से वाहनों की पहचान
- वाहन का रंग/ नंबर प्लेट से वाहन की खोज एवं तिथि समय संयोजन
- बदलती हुई संदेश सम्प्रदर्शन बोर्ड
- वास्तविक समय की सूचना, चेतावनी प्रसारण, यातायात सुझाव, मार्ग दिशा-निर्देश एवं आकस्मिक संदेश
- मेले में ऑडियो-वीडियो माध्यम से संदेश की व्यवस्था
- यातायात प्रबंधन तंत्र आदि
मेले में गुम हुए लोगों को भी मिलेगी सहायता-
कुंभ 2019 में तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ में यदि कोई भूलवश अपनों से खो जाता है तो उसको अपनो से वापस मिलवाने के लिए भी सरकार ने पूरी तैयारियां करवा ली हैं.
आपको बता दें कि मेला प्राधिकरण पुलिस विभाग के साथ 12 उच्च तकनीक सम्पन्न खोया-पाया पंजीकरण केन्द्रों की मेला क्षेत्र में स्थापना कर रही है। ये केन्द्र खोये हुये तीर्थयात्रियों के उनके परिवारों और मित्रों से पुनर्मिलन हेतु सुविधायें प्रदान करेंगी। ये सुविधायें सभी केन्द्रों पर खोये हुये तीर्थ यात्रीगण का डिजिटल पंजीकरण प्रदान करेंगे और तीर्थयात्रीगण को निम्नलिखित विशिष्टियों के माध्यम से उनके प्रियजनों के पास वापस जाने में सहायक होंगेः
खोये हुये व्यक्ति (जिनके पास मोबाइल नहीं है) और खोया-पाया केन्द्र की मदद से अपने परिवार/मित्रों से सम्पर्क कर सकते हैंखोये हुये/लुप्त प्राय व्यक्तिओ की सूचना प्रत्येक खोया-पाया केन्द्र पर सम्प्रदर्शित की जायेगी जिससे उनके परिवारों/मित्रों को खोये हुये व्यक्ति की खोज करने में मदद हो सके। केन्द्र का नाम/स्थिति जहां यह स्थित है, को भी सम्प्रदर्शित किया जायेगा।सभी खोये/लुप्त प्राय व्यक्तिगण के लिये केन्द्रों पर जन सम्बोधन उद्घोषण की जायेगी।सोशल मिडिया (फेसबुक, ट्विटर) पर खोये और पाये गये व्यक्तिगण के संदेश पोस्ट किये जायेंगे।यदि पांच दिनों के भीतर खोये व्यक्तिगण का दावा उनके परिवार/मित्रगण के द्वारा नहीं किया जाता है तो पुलिस सहायता प्रदान की जायेगी.
मेले में आपदा प्रबंधन की व्यवस्था-
कुंभ मेला प्रबंधन ने हर तरीके से अपनी तैयारियां कर ली हैं जैसे-
आग का संकट- आग के संकट से सम्बन्धित आपदा से निपटने के लिये प्राधिकरण के द्वारा उपचारात्मक उपाय किये गये हैं जो आधुनिक एवं नए फायर उपकरणों से सम्मिलित हैं. संकट कम करने वाली रणनीतियों की बेहतर सक्षमता हेतु मानक संचालन प्रक्रिया विरचित की गयी है.
स्वास्थ्य सेवाएं- 10 सुपर स्पेशलिटी डिपार्टमेंट्स न्यूरो सर्जरी, न्यूरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, इन्डोक्रइनोलॉजी, यूरोलॉजी, प्लास्टिक सर्जरी, आनको सर्जरी एवं सीटीवीएस गैस्ट्रोइन्ट्रोलॉजी एवं कार्डियोलॉजी के गंभीर रोगियों के लिये विशिष्टि उपचार प्रदान करेंगं. आपदा की स्थिति में 40 बिस्तरो का एक ट्रामा केयर सुविधा सम्पन्न ट्रामा सेन्टर बनाया गया है. 30 बिस्तरों का एक समर्पित विशेष वार्ड एस०आर०एन० अस्पताल एवं अन्य सहबद्ध अस्पतालों में कुंभ मेला तीर्थयात्रीगण के लिये प्रत्येक विशिष्टियों में 5 बिस्तर आरक्षित किये गए हैं.
बाढ़- कुंभ मेला क्षेत्र में बाढ़ की स्थितियों से निपटने के लिये मानक संचालन प्रक्रिया विरचित की गयी है और सभी विभागों को सतर्क कर दिया गया है. बाढ़ प्रतिक्रिया तंत्र लाइफबाय, लाइफ जैकेट्स, जेट्टी, सोनार सिस्टम, नावें इत्यादि जैसे खतरा कम करने वाले उपकरणों के साथ तैयार किये गए हैं.
भगदड़- जलने की उपस्तियां, डूबना, भगदड़ इत्यादि की दशा में समर्पित डाक्टरों एवं पैरा मेडिकल स्टाफ को टीम के विशेष किटों के साथ आपदा प्रबंधन सुविधाओं से युक्त किया गया है. प्रत्येक पुलिस अधिकारी को यातायात योजना मार्ग बदलने वाले तीर्थ यात्रीगण को गलत दिशा में जाने से रोकने के लिये सूचित किया जायेगा. क्षेत्र प्रभारी एवं निरीक्षकों को प्रतिदिन प्रत्येक 2 घंटे में बैरीकेटिंग व्यवस्थाओं की दशा का निरीक्षण करना है जिससे निर्धारित दिशाओं में भीड़ का संचालन सुनिश्चित किया जा सके. चौबीसों घंटे सुरक्षा बल लोगों पर आपनी तेज नजर बनाएं रखेंगे. भीड़ का मार्ग परिवर्तन किये जाने हेतु उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों की पहचान हेतु निगरानी करती हुए CCTV कैमरे, प्रथम सहायता किट, बैरियर्स, टार्चेज इत्यादि लगाये गये हैं. वहीं उच्च जोखिम क्षेत्रों में आकस्मिक उपकरणो का भण्डार एवं आपूर्ति की व्यवस्था भी की गई है.
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