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अभी भी पुलिस गिरफ्त से बाहर हैं कमलेश तिवारी के असली हत्यारे, सिर्फ साजिशकर्ता ही हिरासत में

हिंदू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी की हत्या की जांच कर रही उत्तर प्रदेश पुलिस भले ही इस हत्याकांड को 24 घंटे में सुलझाने का दावा कर रही है, मगर तिवारी के असली कातिल अभी भी उसकी गिरफ्त से बाहर हैं.

Updated on: 20 Oct 2019, 08:10 AM

लखनऊ:

हिंदू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी की हत्या की जांच कर रही उत्तर प्रदेश पुलिस भले ही इस हत्याकांड को 24 घंटे में सुलझाने का दावा कर रही है, मगर तिवारी के असली कातिल अभी भी उसकी गिरफ्त से बाहर हैं. हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जिन कातिलों ने कमलेश तिवारी को उनके ही घर में दिनदहाडे़ मारा था, उन दोनों शूटरों की पहचान कर ली गई है. बताया जा रहा है कि दोनों शूटर 16 अक्टूबर को उद्योगकर्मी एक्सप्रेस से लखनऊ आए थे.

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हिंदू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी के संदिग्ध हत्यारों की सीसीटीवी फुटेज सामने आई थी. सीसीटीवी में कैद हुए संदिग्ध हत्यारों ने भगवा रंग के कुर्ते पहने हुए थे, जो कमलेश तिवारी के घर की तरफ जाते दिखे. सीसीटीवी फुटेज में इन दोनों के साथ एक महिला भी देखी गई. हत्या के बाद इन संदिग्ध हत्यारों के भागते हुए भी एक वीडियो सामने आया था. पुलिस ने अपराधियों की तलाश के लिए 60 से अधिक कैमरों की फुटेज खंगालीं. मगर उन तक पहुंचने में अभी भी नाकामयाब रही है. 

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवाजी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी सवाल उठाया था कि जिन्होंने घटना की वो नहीं पकड़े गए हैं, पकड़े वो गए हैं जो 2015 में साजिश जरूर कर रहे थे. अखिलेश यादव ने कहा कि कहानी को दूसरी तरफ मोड़ा जा रहा है.

बता दें कि अभी सिर्फ कमलेश तिवारी की हत्या की साजिश रचने के मामले में शामिल तीन आरोपियों को गुजरात के सूरत से हिरासत में लिया गया है, जिनसे पूछताछ की जा रही है. पुलिस महानिदेशक ओ.पी. सिंह ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि लखनऊ के एसएसपी और स्थानीय पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगाले. यूपी पुलिस और गुजरात पुलिस की संयुक्त टीम ने सूरत से तीन संदिग्धों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है.

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डीजीपी ओ.पी. सिंह ने बताया कि पकड़े गए तीन संदिग्धों के नाम मौलाना मोहसिन शेख सलीम, फैजान और राशिद पठान हैं. इस हत्याकांड का मास्टर माइंड राशिद पठान है. साथ ही उन्होंने बताया कि इस वारदात में दो और आरोपी शामिल हैं, जिनके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है. ओपी सिंह ने बताया कि अब तक इस हत्याकांड का आतंकवाद से संबंध होने का संकेत नहीं मिला है. प्रारंभिक पूछताछ से लगता है कि 2015 में कमलेश तिवारी द्वारा दिया गया एक भाषण उनकी हत्या की वजह हो सकता है.

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गौरतलब है कि लखनऊ में शुक्रवार को हिंदू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी की उनके घर में ही गला रेत कर हत्या कर दी गई थी. हत्यारे भगवा कुर्ता पहने थे और मिठाई के डिब्बे में तमंचा व चाकू लेकर आए थे. हमले से चंद मिनट पहले पान मसाला लेने गया उनका बेटा जब लौटा तो कमलेश खून से लथपथ मिले. पड़ोसियों की मदद से कमलेश को अस्पताल ले जाया गया, जहां डक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. कमलेश पूर्व में हिंदू महासभा से भी जुड़े थे.