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राशिद से ISI ने इस शहर में इंडियन आर्मी के मूवमेंट की जानकारी मांगी थी

मिलिट्री इंटेलिजेंस की सूचना पर UP ATS ने वाराणसी से ISI एजेंट राशिद को गिरफ्तार किया है. राशिद मूल रूप से चंदौली का रहने वाला है. वह वाराणसी में पोस्टर बैनर लगाने का काम करता है.

Updated on: 20 Jan 2020, 11:45 AM

लखनऊ:

मिलिट्री इंटेलिजेंस की सूचना पर UP ATS ने वाराणसी से ISI एजेंट राशिद को गिरफ्तार किया है. राशिद मूल रूप से चंदौली का रहने वाला है. वह वाराणसी में पोस्टर बैनर लगाने का काम करता है. ATS के मुताबिक राशिद की रिश्तेदारी पाकिस्तान में है. 2017 और 2018 में राशिद पाकिस्तान गया था. उसने कई अहम खुलासे किए हैं.

ATS के मुताबिक 2018 में जब राशिद पाकिस्तान में था तब ISI ने उससे संपर्क किया था. ISI ने राशिद से के जरिए दो भारतीय सिम खरीदा और उसके ओटीपी के जरिए पाकिस्तान में व्हाट्सएप एक्टिव कर लिया. ओटीपी लेने के बाद पाकिस्तान में बैठे आईएसआई के लोगों ने राशिद को हुक्म दिया कि वह सिम को तोड़ कर फेंक दे. उसी भारतीय सिम कार्ड की बदौलत पाकिस्तानी सेना और ISI अपना एजेंडा चला रही है. ATS के मुताबिक उस सिम कार्ड पर तमाम ग्रुप बनाकर भारतीय लोगों को जोड़ा गया है.

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जिसमें भड़काई सामग्री भेजी जा रही है. लोग उसे भारतीय नंबर समझते हैं लेकिन उसका ऑपरेटर पाकिस्तान में बैठा है. पुलिस के मुताबिक ISI को राशिद ने वाराणसी कैंट और CRPF अमेठी की तस्वीरें ISI को भेजी थी. जिसके लिए आईएसआई ने पेटीएम के जरिए राशिद के करीबी को करीब 5 हजार रुपये भेजे थे. जो राशिद को दिए गए.

अब ISI ने राशिद को नया टास्क दिया था. वह टास्क था, जोधपुर में भारतीय सेना के मूवमेंट की जानकारी देना. राशिद जोधपुर में सेना के मूवमेंट की जानकारी लेने में जुटा था. लेकिन तभी मिलिट्री इंटेलिजेंस ने उसको पहचान लिया. मिलट्री इंटेलिजेंस ने ये पूरी जानकारी UP ATS को दी है. इसके बाद एक ऑपरेशन के तहत आज राशिद को गिरफ्तार कर लिया गया है.