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उन्नाव में किसानों पर हुई लाठाचार्ज मामले पर मायावती ने योगी सरकार पर साधा निशाना

जिसके चलते बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्विवीट कर कहा कि-उप्र सरकार को उन्नाव में पिछले कई दिनों से चल रहे जमीन मुआवजे के विवाद/हिंसा के लगातार उलझते जा रहे मामले को जमीन मालिकों के साथ बैठकर जल्दी सुलझाना चाहिए ना कि उनके ऊपर पुलिस लाठीचार्ज व उनका शोष

Updated on: 18 Nov 2019, 01:53 PM

Lucknow:

उत्तर प्रदेश के उन्नाव में किसानों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई के बाद उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर विपक्ष हमलावर हो गया है. जिसके चलते बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्विवीट कर कहा कि-उप्र सरकार को उन्नाव में पिछले कई दिनों से चल रहे जमीन मुआवजे के विवाद/हिंसा के लगातार उलझते जा रहे मामले को जमीन मालिकों के साथ बैठकर जल्दी सुलझाना चाहिए ना कि उनके ऊपर पुलिस लाठीचार्ज व उनका शोषण आदि कराना चाहिये जो अति-निन्दनीय है. इसे सरकार को अति गम्भीरता से लेना चाहिये.

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वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने रविवार को किसानों पर पुलिस की बर्बर कार्रवाई को लेकर योगी सरकार पर करारा हमला बोला. उन्होंने पुलिस कार्रवाई का एक वीडियो भी ट्विटर पर शेयर किया है. इस वीडियो में पुलिसकर्मी जमीन पर बेसुध पड़े एक किसान को डंडे से मारता दिख रहा है.

क्या है मामला

किसानों का कहना है कि ट्रांस गंगा सिटी परियोजना के लिए अधिग्रहित की गई जमीन पर उचित मुआवजा नहीं दिया जा रहा है. इसी मांग को लेकर किसानों ने सड़क पर उतर कर विरोध जताया. किसानों का आरोप है कि 2005 में बगैर समझौते के उनकी जमीन को अधिगृहीत कर लिया गया था. इसका उचित मुआवजा नहीं दिया जा रहा है. इसी मांग को लेकर हजारों किसानों ने सड़क पर उतर प्रदर्शन किया.

मुलायम सिंह के कार्यकाल में 2003 में बनी थी योजना

2003 में मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के कार्यकाल में ट्रांस गंगा हाई टेक योजना बनी थी. जानकारी के मुताबिक सरकार ने उस समय मुआवजा इतना कम रखा कि किसानों ने इसमें अपनी रुचि नहीं दिखाई. बाद में प्रदेश में बसपा की सरकार बनी तो मुआवजे की दर 2.51 लाख रुपये से बढ़ाकर 5.51 लाख रुपये कर दिया गया. यूपीएसआईडीसी योजना के तहत भूमि अधिग्रहण का काम 2012 तक नहीं कर पाई. इसके बाद प्रदेश में एक बार फिर सपा की सरकार बनी. विभाग ने किसानों की जमीन अधिग्रहण का काम शुरू कर दिया. इसके विरोध में किसान सड़क पर उतर आये. किसानों की मांग थी कि पूर्व में जो दरें लागू की गई थीं, वह मौजूदा समय में बहुत कम हैं.