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बच्चों ने पिता का सिर किया गर्व से ऊंचा, IAS-PCS बच्चे पहुंचे पिता के रिटायरमेंट पर विदाई कराने

अमित के पहले उनके तीन और भाई बहन ने देश की सर्वोच्च सेवाओं के एग्जाम को क्वालीफाई किया है.

Updated on: 12 Oct 2019, 12:01 PM

highlights

  • मिलिए यूपी की एक ऐसी फैमिली से जिसके चार मेंबर्स हैं IAS-PCS. 
  • चारों बच्चे पिता के रिटायरमेंट पर उनकी विदाई कराने बैंक पहुचे थे. 
  • सिर्फ दो कमरे के घर में रहकर करते थे पढ़ाई.

नई दिल्ली:

UPPCS 2017 का फाइनल रिजल्ट गुरुवार 10 अक्टूबर को जारी किया गया. ये रिजल्ट यूपी के एक परिवार के लिए काफी खास बन गया जब प्रतापगढ़ के कुंडा के रहने वाले अमित शुक्ला ने इसमें टॉप किया है. अमित के साथ उनके तीन और भाई बहन ने देश की सर्वोच्च सेवाओं के एग्जाम को क्वालीफाई किया है.

प्रतापगढ़ जिले के रहने वाले अनिल मिश्रा के चार बच्चे हैं जिनमें से 3 बेटे और एक बेटी है. अनिल बड़ौदा ग्रामीण बैंक में मैनेजर थे लेकिन अब वो रिटायर हो चुके हैं.चारों भाई-बहन आईएएस अफसर हैं. भाई बहन में सबसे बड़े IAS योगेश मिश्रा हैं. इनसे छोटी बहन IPS क्षमा कर्नाटका में पोस्टेड हैं. सबसे छोटी बेटी माधवी झारखंड कैडर की IAS अधिकारी हैं. सबसे छोटे लोकेश भी आईएएस हैं. हाल ही में जब अनिल मिश्रा रिटायर हुए तो उनके चारों बच्चे पिता को बैंक से विदाई कराने पहुंचे थे.

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माधवी कहती हैं कि चारों भाई-बहन की उम्र लगभग बराबर ही है. माधवी के मुताबिक, बचपन में जब कभी हम चारों के बीच किसी बात को लेकर अगर नोक-झोंक होती थी, तो हममे कोई एक इसे प्यार में बदलने की जिम्मेदारी उठाता था और समझौता कराता था. वहीं, क्षमा ने बताया कि वो लोग पहले जिस मकान में रहा करते थे, उसमें केवल 2 कमरे थे. अगर कोई मेहमान आ जाता था तो उनको पढ़ने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था.

योगेश बताते हैं, हम सभी ने अपने पैतृक गांव लालगंज में रहकर 12वीं तक की पढ़ाई की है. उसके बाद मैं मोती लाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान से बीटेक करने के लिए इलाहाबाद में शिक्षा ग्रहण की. पढ़ाई पूरी होने के बाद नोएडा में मेरी सॉफ्टवेयर इंजीनियर की जॉब मिली. इसी दौरान प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी जारी रखी और साल 2013 में IAS बन गया.
योगेश ने बताया कि क्षमा ने एमए तक की पढ़ाई गांव से ही की. साल 2006 में पास में रहने वाले सुधीर से उसकी शादी हो गई. सुधीर उत्तराखंड में जिला आपूर्ति अफसर थे. उन्होंने बहन को आगे की पढ़ाई जारी रखने पर जोर दिया. साल 2015 में क्षमा का सिलेक्शन डिप्टी SP के पद पर हुआ था, इसके बाद 2016 में उसने दोबारा से एग्जाम दिया और IPS बन गई.

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योगेश ने दूसरी बहन माधवी के बारे में बताया कि उन्होंने लालगंज से ही ग्रैजुएशन किया. इसके बाद इकोनॉमिक्स से पोस्ट ग्रैजुएशन करने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से की. वहां पढ़ाई पूरी होने के बाद जेएनयू दिल्ली में रिसर्च करने के दौरान ही 2016 में उनका सि‍लेक्शन IAS में हो गया. सबसे छोटे भाई लोकेश ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से कैमिकल इंजीनयरिंग करने के बाद राजस्थान के कोटा में एक फर्टिलाइजर कंपनी में जॉब की. साल 2015 में PCS का एग्जाम क्वालीफाई कर BDO बन गया. उसके बाद सिविल सर्विस की परीक्षा दी और 2016 में वो भी IAS में उनका चुनाव हो गया.