मायावती ने कार्यकर्ताओं से की अपील, बोलीं- 2019 में जीत के साथ दें जन्मदिन का तोहफा
हर जन्मदिन (Mayawati Bith Day) की तरह इस बार भी मायावती (Mayawati) लखनऊ में अपनी ब्लू बुक का विमोचन करेंगी.
लखनऊ:
बहुजन समाज पार्टी (BSP) की अध्यक्ष मायावती (Mayawati) का मंगलवार को 63वां जन्मदिन है. हर जन्मदिन (Mayawati Bith Day) की तरह इस बार भी मायावती (Mayawati) लखनऊ में अपनी ब्लू बुक का विमोचन करेंगी. सपा (Samajwadi Party) अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) भी मायावती को बधाई देने उनके आवास पहुंचेंगे. बता दें मायावती का जन्मदिन हर साल 'जन कल्याणकारी दिवस' के तौर पर मनाया जाता है. इस बार भी बसपा कार्यकर्ता और पदाधिकारी गरीबों को कपड़े, भोजन और अन्य जरूरी सामान बांटकर जन्मदिवस मनाएंगे. वह 11 बजे प्रदेश कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस करेंगी. इस मौके पर ब्लू बुक के नए हिंदी संस्करण का विमोचन होगा. ब्लू बुक के अंग्रेजी संस्करण 'A Travelogue of My Struggle-Ridden Life and BSP Movement Vol. 14' का भी विमोचन कर मीडिया से वह रूबरू होंगीं.
बसपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधींद्र भदौरिया ने ट्वीट कर बसपा सुप्रीमो मायावती के प्रधानमंत्री बनने की कामना की
सपा प्रमुख अखिलेश यादव मायावती के आवास पर पहुंचे और जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं
Lucknow: Samajwadi Party (SP) chief Akhilesh Yadav greets Bahujan Samaj Party (BSP) chief Mayawati at her residence, on her birthday today. pic.twitter.com/COWRKjHkYB
— ANI UP (@ANINewsUP) January 15, 2019
मायवती - लोक सभा चुनाव आते ही इनकी सरकार की घोषणाओं शुरू हो गई लेकिन कोई बहकावे में आने वाला नहीं है, ये नया साल किसानों बेरोजगारों के लिए नई उमीद लेकर आ रही है, अब धन्ना सेठो का राज खत्म होने वाला है, मैं अपने जन्म दिन पर गरीबो और मजबूरों से ये अपील करना चाहती हूं कि वो गठबंधन को मजबूत बनाये.
मायावती ने ब्लू बुक के 14वें हिंदी और अंग्रेजी संस्करण का विमोचन किया, किताब में पिछले एक साल के सफरनामे के बारे में बताया गया है.
अब मैं अंत में ब्लू बुक का विमोचन करने जा रही हूं, जिसमें पार्टी की एक साल की गतिविधियों का ब्यौरा होता है, जो नई पीढ़ी के लिए मार्गदर्शक का काम करेगी ः मायावती
मायावती : सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण की घोषणा के बावजूद मुसलमानों के लिए अभी तक कुछ तय नही किया गया है, जो बीजेपी की संकीर्ण सोच को दर्शाता है, बीएसपी पहले से ही इनके लिए आर्थिक आरक्षण की मांग करती रही है.
मायावती : बीजेपी की सरकार अपने राजनीतिक स्वार्थों के चलते केंद्रीय जांच एजेंसियों को इस्तेमाल कर रही है जो पूरी तरह से गलत है और अखिलेश यादव को खनन मामले में फंसाने की कोशिश इसका ताजा उदाहरण है.
मायावती - कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने के बजाय इनकी सरकार में बढ़ावा मिला है भष्टाचार बढ़ा है, केंद्र की सरकार ने तानासाही की वजह है कि लोग बेहाल है इस लिए इन्हें कोई पसंद नही कर रहा है
मायावती : बीजेपी की चुनावी वादाखिलाफी ही इनके पतन का कारण बनेगी यही वजह है कि इन्हें हर मुद्दे पर अब ज्यादा स्पष्टीकरण देना पड़ रहा है.
मायावती : लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही बीजेपी ने पिछली बार की ही तरह और खुद पीएम मोदी ने जगह-जगह जाकर रैलियों में प्रलोभन देकर जनता को बरगलाने की कोशिश हो रही है
मायवती - कला धन वापस लेकर सबको 15 लाख देने वाले थे, जो कर नही सकते उसे क्यो कहते हो, लोक सभा चुनाव आते ही नाटक शुरू कर दिया, ताबड़तोड़ रैली में पूर्व की तरह फिर घोषणाये और वादे कर रहे है, जी कभी पूरी नही करने वाले, इस लिए अब इनके दोबारा जीत के दावे ठंढे बस्ते में चला गया
देश की जनता बीजेपी से सवाल कर रही है कि जो होती नहीं है उसकी बातें क्यों करते हैं ः मायावती
योगी आदित्यनाथ की सरकार अपराध नियंत्रण और कानून व्यवस्था को बहाल करने में असफल साबित हुई है ः मायावती
बीजेपी सरकार ने संवैधानिक संस्थानों का भी दुरुपयोग कर रही है, इसका ताजा उदाहरण सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव का प्रकरण है ः मायावती
मैं यह भी कहना चाहूंगी कि बीजेपी पूरे देश में धर्म के नाम राजनीति कर देश को बांटने का काम किया है ः मायावती
रक्षा सौंदों के संबंध में भी बसपा का कहना है कि केंद्र की सरकार अपनी सहयोगी पार्टियों के साथ विपक्षी पार्टियों को विश्वास में लेकर सैन्य या अन्य रक्षा सौदों को लेकर एक विस्तृत नीति तैयार करे ः मायावती
केंद्र की बीजेपी सरकार द्वारा जल्दबाजी में लिए गए नोटबंदी की जैसी फैसलों से लोगों पर बुरा प्रभाव पड़ा हैः मायावती
पूरे देश के किसानों के कल्याण के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करना चाहिए ः मायावती
सरकारों को इनकी पूरी कर्जराशि को ही माफ करने को कदम उठाने होंगे, नहीं तो इनकी समस्याएं खत्म नहीं होंगी, किसान आत्महत्या करते रहेंगेः मायावती
कांग्रेस पार्टी की नई सरकारों ने किसानों की कर्जमाफी की सीमा 31 मार्च 2018 तय की है, किसानों का केवल दो लाख रुपये ही माफ करने की बात कही गई है, इससे किसानों को कोई खास लाभ नहीं मिलने वाला है, पूरे देश में भूमिहीन किसान सबसे अधिक कर्ज के बोझ में दबे हुए हैं, नए नए कानूनों से तंग आ चुके हैंः मायावती
इनमें किसान सबसे अधिक दुखी हैं, सबसे ताजा उदाहरण यह है कि हालिया विधानसभा चुनाव के परिणाम आए हैं, तीनों राज्यों में सत्ताधारी बीजेपी को बड़ा सबक सिखाने के साथ साथ कांग्रेस को भी काफी सबक मिला है, इनको समझना चाहिए कि केवल लोकलुभावन नारों से दाल गलने वाली नहीं है ः मायावती
भारतीय संविधान को लागू हुए वर्षों बीत चुके हैं, इस दौरान केंद्र में कांग्रेस का अधिकांश राज रहा, लेकिन दलित आदिवासी, मजदूर और धार्मिक अल्पसंख्यकों का विकास नहीं हो पाया, जिससे दुखी होकर 14 अप्रैल 1984 को बीएसपी का गठन हुआ ः मायावती
मायावती ने कहाः देश के अन्य राज्यों में भी मैं पार्टी के लोगों से ऐसी ही उम्मीद करती हूं
बीएसपी व सपा के लोगों से पुरजोर अपील करती हूं कि वे इस चुनाव में अपने सभी गिले-शिकवे भुलाकर सभी विरोधी पार्टियों को साम दाम दंड भेद से धूल चटाएं ः मायावती
इस साल मेरा जन्मदिन ऐसे मौके पर मनाया जा रहा है, जब लोस चुनाव होने वाले हैं, देश के सबसे बड़े प्रदेश उत्तर प्रदेश में हमारी पार्टी ने 12 जनवरी को सपा से गठबंधन करके चुनाव लड़ने का फैसला किया, इससे बीजेपी की नींद उड़ी हुई है, उत्तर प्रदेश ही तय करता है कि कौन प्रधानमंत्री बनेगा ः मायावती
गरीब, कमजोर, लाचार, बीमार व अति जरूरतमंद लोगों को विभिन्न रूपों में मदद की जाती है : मायावती
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