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यूपी के इस गांव में नहीं मनाया जाता रक्षाबंधन, जानें क्यों

गाजियाबाद के मुरादनगर तहसील के सुरेना गांव में सदियों से रक्षाबंधन का त्योहार नहीं मनाया जाता है। स्थानीय लोग बताते हैं कि 12वीं शाताब्दी में रक्षाबंधन के त्योहार वाले दिन मोहम्मद गोरी ने इस गांव पर हमला किया था।

Updated on: 22 Aug 2018, 02:21 PM

नई दिल्ली:

भाई-बहन के स्नेह और प्यार का पर्व रक्षाबंधन 26 अगस्त यानी रविवार को मनाया जाएगा। पूरे देश में जहां बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांध रही होंगी, वहीं यूपी का एक गांव ऐसा होगा जहां प्यार के इस प्रतीक से भाई-बहन दूर होंगे।

गाजियाबाद के मुरादनगर तहसील के सुरेना गांव में सदियों से रक्षाबंधन का त्योहार नहीं मनाया जाता है। स्थानीय लोग बताते हैं कि 12वीं शाताब्दी में रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) के त्योहार वाले दिन मोहम्मद गोरी ने इस गांव पर हमला किया था।

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गांव के लोगों ने बताया, 'इस गांव को 8वीं सदी में बसाया गया था। मोहम्मद गोरी इसी रास्ते होकर गुजरा था। उसने रास्ते में पड़ने वाले सभी मंदिरों को ध्वस्त कर दिया था और पूरे गांव वालों को जान से मार दिया। हालांकि गोरी के नरसंहार में 'छबिया गोत्र की एक महिला बच गई थी, क्योंकि वह गांव में नहीं थी। बाद में उसके बेटे लखन और चूड़ा वापस आए और उन्होंने गांव को फिर से बसाया। वर्तमान में इस गांव की कुल जनसंख्या में 50 फीसदी छबिया यादव ही हैं।'

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कई सौ साल गुजर जाने के बाद एक बार फिर गांववालों ने रक्षाबंधन का त्योहार मनाया। लेकिन इस बार गांव का एक बच्चा इसी दिन विकलांग हो गया। इसके बाद से गांव वालों ने रक्षाबंधन को शापित मानकर इसे मनाना ही बंद कर दिया। तब से लेकर अबतक इस गांव में राखी वाला राखी बेचने तो आता है लेकिन उसे खाली हाथ वापस लौटना पड़ता है। बहने भी भाई को राखी नहीं बांध पाने की वजह से उदास रहती हैं और भाई भी अपनी सूनी कलाई देखकर दुखी होते हैं।

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