रेलवे में नौकरी के नाम पर 300 के करीब लोगों को ठगा, पुलिस की गिरफ्त में आया गिरोह
ये गैंग अब तक तकरीबन 300 लोगों को ठग चुका है. हालांकि अभी इस गैंग का सरगना पुलिस की गिरफ्त से बाहर है.
गाजियाबाद:
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद (Ghaziabad) में पुलिस ने लोगों को ठगने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. शहर की ट्रोनिका सिटी थाना पुलिस ने इस गिरोह के 2 शातिर ठगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस गिरफ्त में आए दोनों शातिर अभियुक्त विकास उर्फ विक्की और सचिन बड़े ही शातिराना अंदाज में रेलवे में नौकरी दिलवाने के नाम पर लोगों से ठगी किया करते थे. ये गैंग अब तक तकरीबन 300 लोगों को ठग चुका है. हालांकि अभी इस गैंग का सरगना पुलिस की गिरफ्त से बाहर है.
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इस गैंग का सरगना हितेश है, जोकि महाराष्ट्र के नागपुर में रहता है. हितेश फर्जी विज्ञापन और नौकरी डॉट कॉम से डेटा चोरी करने के बाद सीधे साधे लोगों को अपना निशाना बनाता है. सबसे पहले हितेश नौकरी की चाह रखने वालों को रेलवे का फर्जी खाली लेटर भेजकर उसको भरवाता था. साथ ही उस लेटर को दिल्ली स्तिथ रेलवे के हैड ऑफिस बड़ोदरा हाउस में जमा करने के लिए कहता था. जब उसका शिकार वहां पहुंचता था तो पहले से ही मौजूद इस गैंग के लोग शिकार व्यक्ति से बड़ोदरा हाउस के बाहर ही आवेदन फॉर्म ले लिया करते थे.
इनका खेल यही नहीं रुकता था, नौकरी के लिए आवेदन करने वाले व्यक्ति को इस गैंग के लोग मेडिकल के लिए रेलवे के ही हॉस्पिटल में बुलाया करते थे. इनका शिकार वहां पहुंचता था तो ये लोग उसे अस्पताल के किसी खाली स्थान पर ले जाकर उसका ब्लड सैंपल लिया करते थे, जिसकी एवज में 2 हजार से 5 हजार तक आवेदक से लिए जाते थे. इस तरह की जांच और वडोदरा हाउस पर गैंग के लोगों के मिलने से आवेदक ये समझ ही नहीं पता था कि उसके साथ जालसाजी/ठगी की जा रही है. हितेश नौकरी दिलवाने के नाम पर 10 लाख रुपये प्रति व्यक्ति लेता था और पुलिस के मुताबिक अब तक तकरीबन 300 लोगो को ये गैंग अपना शिकार बना चुका है.
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पकड़े गए दोनों शातिर ठग दिल्ली के ही रहने वाले हैं और यहीं से गैंग का संचालन किया जा रहा था. थाना ट्रोनिका सिटी इलाके में भी इस गैंग ने लोगों से जालसाजी की थी. हालांकि थाना पुलिस को गुमनाम लेटर मिला, जिसमें इस गैंग के बारे में बताया गया था. पुलिस ने घेराबंदी कर इन दोनों शातिर विक्की और सचिन को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने इनके कब्जे से रेलवे की फर्जी मोहरे, फर्जी आवेदन पत्र और फर्जी नियुक्ति पत्र प्रिंटर आदि भी बरामद किए हैं. हालांकि गैंग का मास्टरमाइंड हितेश और एक अन्य महिला अभी भी पुलिस गिरफ्त से दूर है. पकड़े गए दोनों बदमाश महज 8 क्लास तक ही पढ़े हैं. गाजियाबाद पुलिस अब हितेश की गिरफ्तरी में जुट गई है.
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