गाजियाबाद: 70 लाख रुपए गबन मामले में नया मोड़, 7 आरोपियों में से एक बना सरकारी गवाह
इससे पहले डीजीपी ओ.पी. सिंह मामले की मॉनिटरिंग लखनऊ से कराने की बात की थी जिससे आरोपियों के लिए परेशानी खड़ी हो गई थी
नई दिल्ली:
डीजीपी ओ.पी. सिंह गाजियाबाद के लिंक रोड थाना पुलिस द्वारा बरामद की गई 70 लाख की रकम के गबन मामले में नया मोड़ आया है. महिला इंस्पेक्टर लक्ष्मी सिंह चौहान सहित फरार सातों पुलिसकर्मियों में से कांस्टेबल ओम प्रकाश सिंह ने सरकारी गवाह बनने की अर्जी डाली जिसे स्वीकार भी कर लिया गया. अर्जी स्वीकार होने के बाद
सीजेएम अपूर्व सिंह की अदालत में धारा 164 सीआरपीसी के तहत ओमप्रकाश सिंह ने अपना बयान दर्ज करा दिया है.
इससे पहले डीजीपी ओ.पी. सिंह मामले की मॉनिटरिंग लखनऊ से कराने की बात की थी जिससे आरोपियों के लिए परेशानी खड़ी हो गई थी. इसके अलावा ओपी सिंह ने इस मामले की विस्तृत रिपोर्ट भी मांगी थी.
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क्या है पूरा मामला?
बता दें, इस मामले में लिंक रोड थाने की एसएचओ सहित सात पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. निलंबित महिला इंस्पेक्टर का नाम लक्ष्मी चौहान है. लक्ष्मी चौहान और उनके साथ सस्पेंड हुए बाकी सभी पुलिसकर्मियों पर आरोप है कि इन सबने मिलकर लुटेरों से बरामद करीब एक करोड़ की रकम में से 60-65 लाख रुपये गायब करने की कोशिश की. मामले का भंडाफोड़ सीसीटीवी फुटेज और लुटेरों के बयान से हुआ.
एसएसपी ने बताया, 'करीब साढ़े तीन महीने पहले बैंक के एटीएम में रकम जमा कराने वाले कुछ कर्मचारियों ने करीब 3 करोड़ रुपये गायब कर दिए थे. उस वक्त एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया था. उस मामले की जांच जारी थी.'
एसएसपी गाजियाबाद ने आगे कहा, 'मंगलवार को आधी रात के वक्त, उसी पुराने मामले में राजीव और आमिर दो और आरोपियों को थाना लिंक रोड की महिला एसएचओ इंस्पेक्टर लक्ष्मी चौहान की टीम ने पकड़ लिया. पुलिस की लिखा-पढ़ी में आरोपियों के कब्जे से बरामद रकम 40-45 लाख दर्ज की गई.' पूरे मामले के पर्दाफाश में जिला पुलिस अधिकारियों को शक हुआ. लिहाजा आधी रात को एसएसपी गाजियाबाद ने मामले की जांच क्षेत्राधिकारी (सर्किल ऑफिसर) राकेश कुमार मिश्र से कराई. पकड़े गये लुटेरों ने क्षेत्राधिकारी की जांच में जो खुलासा किया वो, लिंक रोड थाना पुलिस के खुलासे से भी बड़ा निकला.
लिंक रोड थाना पुलिस सूत्रों ने बताया, 'लुटेरों ने क्षेत्राधिकारी को बताया कि उनसे 40-45 लाख नहीं बल्कि करीब एक करोड़ रुपये, लिंक रोड पुलिस ने बरामद किए हैं. ऐसे में सवाल यह उठा कि आखिर बरामद हुई बाकी करीब 60-65 लाख की रकम कहां है?'
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क्षेत्राधिकारी की जांच के दौरान ही एक सीसीटीवी फुटेज देखा गया. एसएसपी गाजियाबाद सुधीर कुमार सिंह ने बताया, 'उस फुटेज में लिंक रोड की थाना प्रभारी लक्ष्मी चौहान, कुछ अन्य लोगों के साथ रकम को खुद ही इधर से उधर करती हुई साफ-साफ दिखाई दे रही हैं.' पूरे मामले में संदिग्ध भूमिका पाये जाने के चलते, लिंक रोड थाना प्रभारी इंस्पेक्टर लक्ष्मी चौहान सहित 7 पुलिसकर्मियों को पहले लाइन हाजिर किया गया था. बाद में इन सबको निलंबित करके उच्च-स्तरीय जांच के आदेश दिए गए.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गाजियाबाद ने बताया, 'लुटेरों से बरामद लाखों रुपये हड़पने की कोशिश में एसएचओ के साथ सस्पेंड होने वालों में दारोगा नवीन पचौरी और पांच सिपाही बच्चू सिंह, फराज, धीरज, सौरभ, सचिन भी हैं.'
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