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अखिलेश सरकार में DGP रहे जगमोहन यादव पर जमीन कब्जाने का आरोप, FIR दर्ज

अखिलेश यादव के समय में उत्तर प्रदेश में डीजीपी रहे जगमोहन यादव के खिलाफ लखनऊ के गोसाईंगंज थाने में FIR दर्ज कराई गई है. जगमोहन यादव पर जमीन कब्जाने और धोखाधड़ी का आरोप है. पूर्व केंद्रीय मंत्री बलराम सिंह यादव के बेटे ने यह FIR दर्ज कराई है.

Updated on: 08 Aug 2019, 04:04 PM

highlights

  • जमीन पर कब्जा लेने पहुंचे थे जगमोहन यादव
  • मौके पर पहुंच कर पुलिस बल ने संभाली कमान
  • जगमोहन यादव बोले, 8 सालों से नहीं मिल रहा कब्जा

लखनऊ:

अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की सरकार में उत्तर प्रदेश में डीजीपी रहे जगमोहन यादव (Jagmohan Yadav) के खिलाफ लखनऊ के गोसाईंगंज थाने में FIR दर्ज कराई गई है. जगमोहन यादव (Jagmohan Yadav) पर जमीन कब्जाने और धोखाधड़ी का आरोप है. पूर्व केंद्रीय मंत्री बलराम सिंह यादव (Balram Singh Yadav) के बेटे ने यह FIR दर्ज कराई है.

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शहीद पथ स्थित मुजफ्फर नगर घुसवल में साढ़े तीन बीघा जमीन को लेकर पूर्व डीजीपी जगमोहन यादव (Jagmohan Yadav) और पूर्व मंत्री बलराम यादव के बेटे के बीच विवाद हुआ. जमीन पर कब्जे का विरोध बलराम यादव के बेटे विजय ने किया. जिसके बाद दोनों पक्षों में हंगामा शुरु हो गया. बताया जा रहा है कि दोनों पक्ष असलहों से लैस होकर आमने सामने आए, लेकिन पुलिस ने इस बात से साफ इनकार किया है.

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कब्जा करने पहुंचे पूर्व डीजीपी ने बिन्नी इन्फ्राटेक के नाम से जमीन खरीदी थी. वहीं पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति और पूर्व मंत्री बलराम यादव के बेटे विजय कुमार सिंह ने भी जमीन ली है. काफी समय से दोनों पक्षों में पैमाइश को लेकर विवाद चल रहा था.

मंगलवार को जमीन पर कब्जा करने के लिए पूर्व डीजीपी जगमोहन यादव पहुंचे. तभी विजय कुमार सिंह की ओर से कुछ लोग वहां पहुंच गए और जमीन कब्जा करने को लेकर आपत्ति जताई. जिसके बाद वहां तनाव की स्थिति बन गई. बड़ी संख्या में पुलिस बल वहां मौके पर पहुंची.

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विजय सिंह की तरफ से अधिवक्ता केपी तिवारी ने बताया कि हरिहरपुर ग्राम सभा की करीब तीन बीघा जमीन ली गई थी. जिसकी पैमाइश को लेकर विवाद चल रहा है. विजय की ओर से विरोध के बाद भी काम नहीं बंद कराया गया.

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जिसके बाद एएसपी विधानसभा राजेश श्रीवास्तव, सीओ गोमतीनगर अवनीश्वर चंद्र श्रीवास्तव मौके पर पहुंचे. दोनों पक्षों में समझौता न होने के बाद एसडीएम सरोजनीनगर चंदन पटेल को बुलाया गया, जिसके बाद पूर्व डीजीपी ने काम रुकवा दिया.

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जगमोहन यादव का कहना है कि राजस्व विभाग ने जमीन की पैमाइश करने के बाद यह हिस्सा उन्हें दिया है. जगमोहन ने आगे कहा कि मुझे पिछले 8 सालों से परेशान किया जा रहा है. मैं अपनी जमान का कब्जा लेने आया था जो नहीं दिया जा रहा है.