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खेती में गाय का गोबर और गोमूत्र इस्तेमाल करें किसान : योगी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि राज्य में आर्गनिक खेती को प्रोत्साहित करने के मकसद से किसानों को यूरिया और रासायनिक उर्वरक की बजाय गाय से मिलने वाले प्राकृतिक उर्वरक का उपयोग करना चाहिए.

Updated on: 22 Jan 2020, 06:45 PM

कानपुर:

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि राज्य में आर्गनिक खेती को प्रोत्साहित करने के मकसद से किसानों को यूरिया और रासायनिक उर्वरक की बजाय गाय से मिलने वाले प्राकृतिक उर्वरक का उपयोग करना चाहिए. योगी ने किसानों से खेती में गाय का गोबर और गोमूत्र का उपयोग करने को कहा. योगी ने यहां सीएसए कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यशाला में कहा कि राज्य सरकार ने मास्टर ट्रेनर तैयार करने के लिए पहले चरण में 1038 ग्राम पंचायतों को शामिल किया है, जो गांवों में जाकर किसानों को गाय आधारित कृषि के बारे में प्रशिक्षित करेंगे.

उन्होंने कहा कि किसान अगर संपन्न है तो देश स्वत: ही विकसित होगा. पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान खेतों में फसल के लिए यूरिया का इस्तेमाल करते हैं. भले ही इससे उत्पादकता बढती हो लेकिन यह भूमि को नुकसान पहुंचाता है और लोगों के स्वास्थ्य पर असर डालता है. योगी ने कहा कि सरकार अब हर गाय को टैग करने जा रही है.

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हर गाय के कान पर एक निशान लगाया जाएगा, चाहे वह पालतू हो या आवारा. यह कार्य पशुपालन विभाग को सौंपा गया है. उन्होंने कहा कि अगर कोई किसान किसी आवारा पशु को अपने पास रखता है और उसकी देखरेख करता है तो सरकार उसे 900 रूपये हर महीने देगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि 1038 ग्राम पंचायतों में सरकारी प्रतिनिधि किसानों से गाय आधारित खेती करने को लेकर चर्चा करेंगे. विश्वविद्यालय परिसर में मुख्यमंत्री ने चंद्रशेखर आजाद की मूर्ति पर माल्यार्पण किया.

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उन्होंने नमामि गंगे परियोजना के तहत आयोजित कृषि उत्पादों की प्रदर्शनी का भी उदघाटन किया. योगी के साथ मौजूद केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि प्राकृतिक असंतुलन के दुष्प्रभावों से पूरी दुनिया जूझ रही है, जिसके लिए भगवान नहीं बल्कि मानव जिम्मेदार है.

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ऐसी स्थिति में हमें प्रकृति के चक्र को समझना होगा. अगर हम प्राकृतिक खेती करते हैं तो हम प्राकृतिक असंतुलन को प्राकृतिक संतुलन में परिवर्तित कर देंगे. उन्होंने कहा कि देश के किसानोंने रासायनिक उर्वरकों का काफी इस्तेमाल किया, जिससे उन्हें फायदा नहीं हुआ बल्कि कहीं उससे अधिक नुकसान हो गया. समय से किया गया सुधार प्राकृतिक असंतुलन से हमें बचा सकता है.