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ईपीएफ घोटालाः 48 घंटों की पूछताछ के बाद पीके गुप्ता का बेटा अभिनव गिरफ्तार

बिजली विभाग के इंजीनियरों और कर्मचारियों के भविष्य निधि घोटाले में उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPPCL) महाप्रबंधक पीके गुप्ता के बेटे अभिनव गुप्ता को उत्तर प्रदेश पुलिस के आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने 48 घंटों की पूछताछ के बाद गिरफ्तार क

Updated on: 15 Nov 2019, 08:03 AM

लखनऊ:

बिजली विभाग के इंजीनियरों और कर्मचारियों के भविष्य निधि घोटाले में उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPPCL) महाप्रबंधक पीके गुप्ता के बेटे अभिनव गुप्ता को उत्तर प्रदेश पुलिस के आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने 48 घंटों की पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया है. ईओडब्ल्यू ने अभिनव गुप्ता के करीबी और फर्जी ब्रोकिंग कंपनी के संचालक आशीष चौधरी को भी गिरफ्तार किया है. इस घोटाले में यह चौथी बड़ी गिरफ्तारी है. अब तक घोटाले में पांच आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं.

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प्रथम दृष्ट्या अभिनव पर ब्रोकरेज फर्मों के साथ मध्यस्थता करने का आरोप लगा है, जिसने एक निजी कंपनी डीएचएफएल के साथ पीएफ निवेश का सौदा हासिल किया था. बताया जा रहा है कि यूपीपीसीएल के सचिव ट्रस्ट पीके गुप्ता के बेटे और रियल इस्टेट के कारोबार से जुड़े अभिनव गुप्ता के जरिए ही डीएचएफएल में भविष्य निधि का निवेश किया गया था. 14 फर्जी ब्रोकरेज कंपनियों के जरिए डीएचएफएल में निवेश हुआ था, जिसमें खूब कमीशन खोरी की गई थी.

ईओडब्ल्यू के एक अधिकारी के मुताबिक, शक्ति भवन में कार्यालय से बरामद दस्तावेजों में उल्लेखित अधिकांश दलाली फर्मों को नदारद पाया गया है. इन सौदों में अभिनव की भूमिका संदिग्ध है, इसलिए उसे नोटिस दिया गया था. अभिनव ने एक निजी कंपनी डीएचएफएल में यूपीपीसीएल के कर्मचारियों के ईपीएफ पैसे का निवेश करने के लिए कथित तौर पर कमीशन लिया और अपने रियल एस्टेट कारोबार में भी निवेश किया. ऐसा कहा जा रहा है कि दिल्ली के कुछ व्यवसायियों ने भी अपराध में उसका सहयोग किया.

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13 नवंबर को भविष्य निधि घोटाला मामले में बयान दर्ज करवाने के लिए आने के बाद हिरासत में ले लिया गया था. इस घोटाले में अपने पिता और एक अन्य अधिकारी के गिरफ्तार होने के बाद से ही आठ दिनों तक अभिनव फरार रहे. उनको पकड़ने के लिए पांच सदस्यीय टीम का गठन किया गया था. बता दें कि भविष्य निधि घोटाले में तत्कालीन वित्त निदेशक सुधांशु द्विवेदी, ट्रस्ट सचिव पीके गुप्ता और पूर्व एमडी एपी मिश्र को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है.

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