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साल के पहले महीने से उत्तर प्रदेश में बिजली दरों में हुआ इजाफा, जानें कितनी बढ़ोतरी हुई

उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन ने बिजली दरों में बढ़ोत्तरी कर दी है. 4 से 66 पैसे प्रति यूनिट तक की अचानक बढ़ोतरी के पीछे कोयला और तेल के दाम में बढ़ोतरी को कारण बताया जा रहा है.

Updated on: 02 Jan 2020, 03:16 PM

लखनऊ:

उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन ने बिजली दरों में बढ़ोत्तरी कर दी है. 4 से 66 पैसे प्रति यूनिट तक की अचानक बढ़ोतरी के पीछे कोयला और तेल के दाम में बढ़ोतरी को कारण बताया जा रहा है. बताया जा रहा है कि बिना विद्युत नियामक आयोग की अनुमति के यूपीपीसीएल ने दरें बढ़ाई गई हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बढ़ी हुई दरें जनवरी के बिजली बिल में जुड़ कर आएंगी. उधर अचानक से बिजली की दरों में बढ़ोतरी को लेकर उपभोक्ता परिषद उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग पहुंच गया है. इस मामले में उपभोक्ता परिषद ने जनहित याचिका दाखिल की है.

बता दें कि इससे पहले सितंबर 2019 में ही उत्तर प्रदेश में बिजली दरों में बढ़ोत्तरी की गई थी. उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी आदेशों के अनुसार शहरी और कॉमर्शियल क्षेत्र के साथ ही ग्रामीण उपभोक्ताओं के लिए भी बिजली की दरों में इजाफा कर दिया था. आदेश के मुताबिक शहरी क्षेत्र में लगभग 12 फीसदी और औद्योगिक क्षेत्रों में करीब 10 फीसदी का इजाफा किया गया है.

साथ ही ग्रामीण इलाकों में सरकार ने फिक्स चार्ज को बढ़ा कर 400 से 500 कर दिया है. प्रदेश में आम लोगों-किसानों के विरोध के बाद भी बिजली दरों में 10 से 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है. इससे पहले 2017 में योगी सरकार बनने के बाद निकाय चुनाव समाप्त होते ही बिजली दरों में औसतन 12.73 फीसदी इजाफा हुआ.