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उत्तर प्रदेश में बिजली ने दिया बड़ा झटका, फैक्ट्री के बराबर घरेलू बिजली दर होंगे चुकाने

प्रस्ताव में पीएल श्रेणी, ग्रामीणों और किसानों की बिजली दरों में अत्यधिक बढ़ोतरी की संभावना है

Updated on: 16 Jun 2019, 12:25 AM

highlights

  • बिजली दरों में बढ़ोतरी का दिया प्रस्ताव
  • घरेलू के बराबर देने होंगे कारखाने बिल
  • गरीबों की टूटी कमर

नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश में लोगों को बिजली का तगड़ा झटका लगा है. लोगों को बिजली के लिए अब और जेब ढीली करनी होगी. उत्तर भारत में गर्मी का कहर जारी है. गर्मी से जनजीवन अस्त व्यस्त है. अब उस पर बिजली के दामों में बढ़ोतरी की मार. इससे गरीब और किसान बुरी तरह से पिस जाएंगे. ठंडक पाने के लिए और पसीने छुड़ाने होंगे. पावर कॉर्पोरेशन प्रबंधन ने बिजली की मौजूदा दरों में बृद्धि का प्रस्ताव उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग में दाखिल किया है. बिजली दरों की बढ़ोतरी सभी श्रेणियों में किया जाएगा. घरेलू बिजली की दरें 6 रुपये 20 पैसे से लेकर 7 रुपये 50 पैसे तक प्रति यूनिट तक रखा गया है.

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पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने आनन-फानन में नई बिजली की दरों का प्रस्ताव दाखिल कर दिया. प्रस्ताव अगर अमल में आ जाता है तो सबसे गहरी चोट गरीबों पर पड़ने वाला है. पावर कॉर्पोरेशन ने शहरी लोगों के लिए घरेलू उपभोक्ताओं की मौजूदा बिजली दरें 4 रुपये 90 पैसे से लेकर 6 रुपये 50 पैसे तक प्रति यूनिट रखी है. जिसे अब 6 रुपये 20 पैसे से लेकर 7 रुपये 50 पैसे तक करने की तैयारी है. प्रस्ताव में पीएल श्रेणी, ग्रामीणों और किसानों की बिजली दरों में अत्यधिक बढ़ोतरी की संभावना है. कॉमर्शियल व इंडस्ट्रियल दरों में भी 10 से 15 फीसद तक बढ़ोतरी की जाएगी.

बिजली कंपनियों ने शहरी घरेलू बिजली उपभोक्ताओं का प्रति किलोवाट फिक्स्ड चार्ज 100 से बढ़ाकर 110 रुपये करने का प्रस्ताव दिया है. वहीं बीपीएल श्रेणी के घरेलू उपभोक्ताओं का फिक्स्ड चार्ज भी 50 से बढ़ाकर 75 रुपये प्रस्तावित किया गया है. उत्तर प्रदेश में अब लोगों को घरेलू बिजली दरों के बदले कारखाने वाले दरों को चुकाना होगा. क्योंकि अब घरेलू बिजली दरों को कारखाने के दरों के बराबर कर दिया है. इससे गरीबों पर गंभीर चोट पड़ने वाली है. लोगों के साथ यह बड़ा घोखा है.