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UP में PCS परीक्षा के लिए कम होंगे मौके, UPSC की तर्ज पर होगी उम्र सीमा

आधी-अधूरी तैयारी के साथ ही सालों तक किस्मत आजमाते रहने की फितरत में बैठे अभ्यार्थियों के लिए प्रांतीय सिविल सेवा परीक्षा (PCS) के मौके कम होने जा रहे हैं.

Updated on: 31 Dec 2019, 11:49 AM

लखनऊ:

आधी-अधूरी तैयारी के साथ ही सालों तक किस्मत आजमाते रहने की फितरत में बैठे अभ्यार्थियों के लिए प्रांतीय सिविल सेवा परीक्षा (PCS) के मौके कम होने जा रहे हैं. योग्य अभ्यार्थियों की व्यवस्थित परीक्षा कराने के लिए उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) अधिकतम आयु सीमा को घटाने वाली है. आयोग पीसीएस परीक्षा देने के अवसरों को संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की तर्ज पर सीमित करने वाली है. वर्तमान में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा प्रांतीय सिविल सेवा के पदों के लिए कराई जाने वाली सबसे अहम परीक्षा में भाग लेने वाले अभ्यार्थियों के लिए न्यूनतम आयु सीमा 21 वर्ष है.

वहीं सामान्य वर्ग के अभ्यार्थियों के लिए अधिकतम आयु सीमी 40 व OBC सहित अन्य आरक्षित वर्ग, भूतपूर्व सैनिक के लिए 45 वर्ष है. सरकारी सेवा में नौकरी कर रहे अभ्यार्थियों के लिए आयु सीमा में पांच वर्ष की छूट है जिसके कारण वो 45 वर्ष की आयु तक परीक्षा दे सकते हैं. वहीं दिव्यांगों के लिए आयु सीमा 55 वर्ष निर्धारित है.

इस हिसाब से सामान्य वर्ग के अभ्यार्थियों को PCS की परीक्षा में भाग लेने के 20 अवसर मिल सकते हैं. वहीं आरक्षित वर्ग को 25 और दिव्यांगों को 40 बार परीक्षा देने का मौका मिल जाता है. ज्या अवसरों के कारण कई बार अभ्यार्थी, सफलता की उम्मीद में परीक्षा में भाग लेते रहते हैं.

PCS परीक्षा में अभ्यार्थियों की बढ़ती संख्या का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 2016 में 4.36 लाख लोगों ने आवेदन किया वहीं 2017 में 4.55 लाख अभ्यार्थियों ने आवेदन भरा. 2018 में 6.36 लाख फॉर्म भरे गए.

बढ़ती संख्या आयोग के लिए चुनौती

परीक्षार्थियों की बढ़ती संख्या आयोग के सामने इंतजाम की चुनौती खड़ी कर देती है. इसके साथ ही रिजल्ट घोषित करने में भी समय लगता है. सबसे बड़ी बात यह है कि राज्य सरकार को अपेक्षाकृत युवा अफसर मिलने की संभावना कम हो जाती है. आयोग आयु सीमी घटाने को लेकर जल्द ही फैसला कर सकता है. आयोग का मानना है कि UPSC द्वारा अखिल भारतीय स्तर की सिविल सेवा परीक्षा के लिए लागू व्यवस्था ही उचित है.