भारत से नेपाल की दूरी 40 किमी होगी कम, बन रहा एक और नया रास्ता
महराजगंज जिले में रोहिन नदी के चानकी घाट पर बने पुल के लिए एप्रोज बनाने की तैयारी चल रही है. इस एप्रोच के बनने से भारत से नेपाल की दूरी करीब 40 किमी कम हो जाएगी.
गोरखपुर:
भारत से नेपाल की राह अब और आसान होने जा रही है. जल्द भी भारत से नेपाल के लिए एक नया रास्ता तैयार होने जा रहा है. इसके बनने के बाद भारत से नेपाल की दूरी करीब 40 किमी कम हो जाएगी. महराजगंज जिले में पुरंदरपुर-रानीपुर-खालिकगढ़ मार्ग पर रोहिन नदी के चानकी घाट पर सात वर्ष पहले 3.30 करोड़ की लागत से पुल का निर्माण हुआ. अभी तक यहां एप्रोच रोड नहीं बन सका है. इसके लिए जमीन की दिक्कत सामने आ रही है. अगर इस एप्रोच का निर्माण हो जाता है तो गोरखपुर से नेपाल और महराजगंज से सोनौली जाने वालों को 40 किमी दूरी कम तय करनी पड़ती.
PWD ने एप्रोच के लिए 1.20 करोड़ का प्रस्ताव मुख्यालय को भेजा है.
20 साल पहले शुरू हुआ पुल का निर्माण
चानकीघाट पर पुल निर्माण का काम 1998-99 में शुरू हुआ. इस पुल के निर्माण में कई रोड़े सामने आए. इस पुल का निर्माण मई 2012 में पूरा हुआ. पुल निर्माण के बाद भी अभी तक एप्रोच का काम पूरा नहीं हो सका है. इसके लिए दो वर्ष पहले सिटीजन फोरम महराजगंज व भारतीय किसान यूनियन ने जल सत्याग्रह किया. प्रशासन ने जब मांग को पूरा करने की कोशिश की तो वन विभाग की जमीन आड़े आ गई.
गोरखपुरवासियों को होगा सबसे अधिक लाभ
इस पुर के आवागमन से आसपास के दो दर्जन गांवों के लोगों की सोनौली की राह आसान हो जाएगी. अभी इन लोगों को निचलौल के रास्ते जाना पड़ता है. चानकीघाट पुल चालू होने से गोरखपुर को नेपाल के लिए एक और रास्ता मिल जाएगा जो महराजगंज होते हुए महेशपुर बार्डर चला जाएगा. महेशपुर बार्डर पर बाईपास बन रहा है. पोखरा व काठमांडू जाने के लिए महेशपुर बार्डर का रास्ता गोरखपुर वासियों के लिए ज्यादा मुफीद होगा.
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