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मुजफ्फरनगर में सीएए-विरोधी हिंसा मामले में गिरफ्तार 14 लोगों को मिली जमानत

मुजफ्फरनगर की एक अदालत ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार 14 लोगों को जमानत दे दी.

Updated on: 18 Jan 2020, 12:57 PM

मुजफ्फरनगर:

मुजफ्फरनगर की एक अदालत ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार 14 लोगों को जमानत दे दी. जिला न्यायाधीश संजय कुमार पचौरी ने शुक्रवार को उनकी जमानत याचिका मंजूर की और निर्देश दिया कि प्रत्येक आरोपी द्वारा एक-एक लाख रुपये की दो जमानत राशियां जमा कराने के बाद ही उन्हें रिहा किया जाए.

अभियोजन पक्ष के अनुसार, यहां कोतवाली थाना क्षेत्र में 20 दिसंबर को संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा में शामिल होने के आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था. पुलिस ने इस घटना के सिलसिले में जिले के कई अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया है और 33 लोगों पर बच्चों को पत्थरबाजी के लिए उकसाने का आरोप लगाया है.

इस बीच, पुलिस ने सोशल मीडिया और अखबारों के जरिये एक मदरसा के छात्र का पुलिस की हिरासत में यौन उत्पीड़न किए जाने की झूठी खबर कथित तौर पर फैलाने के आरोप में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ भी एक मामला दर्ज किया है. पुलिस के अनुसार, इस संबंध में एक व्यक्ति ने शिकायत दर्ज कराई थी.

मदरसा समिति का कहना है कि उसके किसी भी छात्र के यौन उत्पीड़न की घटना नहीं हुई है. बताया जाता है कि मदरसा होजा इल्मिया के दस छात्रों को पुलिस ने हिंसा के बाद गिरफ्तार किया था लेकिन एसआईटी द्वारा कथित घटनाओं की जांच के बाद कोई सबूत न मिलने पर इन दस छात्रों को जमानत दे दी गई.