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उत्तर प्रदेश में सर्वेक्षण के बाद शुरू होगी एनआरसी की कवायद : सीएम योगी आदित्यनाथ

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि राज्य में अवैध प्रवासियों की तादाद का पता लगाने के लिए एक सर्वेक्षण किया जा रहा है.

Updated on: 02 Nov 2019, 07:35 AM

लखनऊ:

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि राज्य में अवैध प्रवासियों की तादाद का पता लगाने के लिए एक सर्वेक्षण किया जा रहा है. उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि सर्वेक्षण के पूरा होने के बाद हम तय करेंगे कि एनआरसी जैसी कवायद कब शुरू की जाए. हाल में समाप्त हुए उपचुनाव के दौरान मुख्यमंत्री ने बयान दिया था कि उत्तर प्रदेश, असम से राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को लागू करने का सबक ले सकता है. योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट कहा था कि यदि आवश्यकता पड़ी तो अभियान चलाकर उत्तर प्रदेश में भी इसे लागू किया जाएगा. उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की पूरे देश में एनआरसी जैसी कवायद के लागू करने की योजना की सराहना की थी.

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गृह विभाग के सूत्रों ने पुष्टि की है कि पुलिस विभाग द्वारा राज्य में अवैध प्रवासियों की पहचान के लिए एक सर्वेक्षण चल रहा है. उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओ.पी.सिंह की तरफ से करीब एक महीने पहले सभी जिला पुलिस प्रमुखों को अपने संबंधित जिलों में अवैध बांग्लादेशी व दूसरे प्रवासियों की पहचान के सर्वेक्षण करने के लिए एक पत्र भेजा गया है और उन्हें अपनी रिपोर्ट राज्य के गृह विभाग को जमा करना है.

बता दें कि पहले ही महीने उत्तर प्रदेश के पुलिस निदेशक ओमप्रकाश सिंह के निर्देशानुसार, इसका (एनआरसी) मसौदा सभी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी), एसपीए, आईजीए, डीआईजी (रेंज) और सभी एडीजी (जोन) को भेजकर इस पर अमल करने को कहा गया था. डीजीपी ऑफिस ने प्रदेश के सभी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) और पुलिस अधीक्षक एसपी को निर्देश जारी किए थे कि अभियान चलाकर प्रदेश में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी व अन्य विदेशी नागरिकों को चिह्न्ति किया जाए.

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पुलिस मुख्यालय के तैयार मसौदे में निर्देश दिए गए कि शहर के बाहरी इलाकों, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और सड़क किनारे बसी नई बस्तियों में यह अभियान चलाया जाए. इन स्थानों पर अभियान के दौरा विशेष सतर्कता बरती जाए और वीडियो रिकॉर्डिंग भी की जाए. संदिग्ध लोगों के सत्यापन के दौरान यदि कोई व्यक्ति अपना पता किसी अन्य जिले या राज्य में बताता है तो उसका डाटा तैयार किया जाएगा. साथ ही उस जिले और राज्य से उस व्यक्ति का सत्यापन भी कराया जाए. हालांकि अपर मुख्य सचिव (सूचना एवं गृह) अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा था कि यह रुटीन प्रक्रिया है. इसे हर समय अमल किया जाता है. उन्होंने कहा था कि एनआरसी केंद्र का विषय है, अभी इस पर कोई निर्णय नहीं हुआ है.

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