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IIM लखनऊ में लगी योगी के मंत्रियों की क्लास, 3 दिन सीखेंगे सुशासन और प्रबंधन का पाठ

प्रबंधन की पढ़ाई में दुनिया की चुनिंदा संस्थाओं में शामिल भारतीय प्रबंध संस्थान (IIM) लखनऊ में 3 दिवसीय 'लीडरशिप डवलपमेंट प्रोग्राम' का आगाज हो गया है.

Updated on: 08 Sep 2019, 10:47 AM

लखनऊ:

प्रबंधन की पढ़ाई में दुनिया की चुनिंदा संस्थाओं में शामिल भारतीय प्रबंध संस्थान (IIM) लखनऊ में 3 दिवसीय 'लीडरशिप डवलपमेंट प्रोग्राम' का आगाज हो गया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने IIM कैंपस में इस प्रोग्राम 'मंथन' का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया. इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर उत्तर प्रदेश के मंत्रियों को सुशासन और प्रबंधन के मंत्र सिखाए जा रहे हैं. इसके लिए खास तरह का प्रशिक्षण उन्हें इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (आईआईएम-लखनऊ) के प्रोफेसर व विशेषज्ञ दे रहे हैं.

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मंथन कार्यक्रम में पहले सत्र Ice-breaking exercise for priority setting की शुरुआत हुई है. IIM एक्सपर्ट मंत्रियों को असल प्राथमिकताएं तय करने के लिए गुर दे रहे हैं. आज कुल 4 सत्र का होगा आयोजन. जिसमें योगी मंत्रिमंडल के सदस्यों को बेहतर प्रशासन और प्रबंधन के गुर सिखाए जाएंगे. कार्यक्रम के लिए राज्य सरकार द्वारा एक-एक मंत्री के लिए हर दिन 12 हजार रुपये की फीस IIM को दी जा रही है, जिसमें ट्यूशन फीस के साथ मेटेरियल किट, सर्टिफिकेट, ब्रेकफास्ट और लंच शामिल है.

8 सितंबर के अलावा ट्रेनिंग का ये दौर अगले दो और रविवार यानी 15 और 22 सितंबर को भी चलेगा. मंत्रियों को दूसरे रविवार यानी 15 सितंबर को नीति को गढ़ने और उनके कार्यान्वयन का पाठ पढ़ाया जाएगा. इसके अलावा मंत्रियों को प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग और कंट्रोल सिस्टम की भी ट्रेनिंग दी जाएगी. जबकि तीसरे रविवार यानी 22 सितंबर को मंत्रीगण निर्णय लेने की क्षमता, रिस्क असेसमेंट और राजनीतिक नेतृत्व के गुर सीखेंगे.

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गौरतलब है कि योगी मंत्रिमंडल में अधिकतर सदस्य युवा हैं और कई तो पहली बार मंत्री बने हैं, जिन्हें प्रशासनिक अनुभव कम है. ऐसे में मुख्यमंत्री चाहते हैं कि सरकार की योजनाओं को धरातल तक सही तरीके से पहुंचाने के लिए प्रबन्धन और सुशासन का पाठ मंत्रीगण देश के सबसे प्रतिष्ठित संस्थान से सीखें. मुख्यमंत्री को ये सलाह उनके मुख्य आर्थिक सलाहकार ने दी थी, जिस पर अब अमल हो रहा है. IIM लखनऊ देश के प्रतिष्ठित संस्थानों में हैं और यहां एडमिशन लेने के लिए बड़ी परीक्षाओं में लाखों छात्रों से प्रतिस्पर्धा करनी होती है. जबकि योगी मंत्रिमंडल के अधिकतर सदस्य सिर्फ ग्रेजुएट हैं. कई सिर्फ इंटरमीडिएट या हाईस्कूल ही पास हैं. जबकि योगी मंत्रिमंडल के एकमात्र मुस्लिम सदस्य मोहसिन रजा सिर्फ 8वीं पास हैं.