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फैसला: उपचुनाव में सांसदों के परिजनों को बीजेपी नहीं देगी टिकट

उत्तर प्रदेश में होने वाले उपचुनाव में बीजेपी ने विधायक से सांसद बने नेताओं के बेटे बेटियों और रिश्तेदारों को टिकट न देने का फैसला किया है.

Updated on: 28 Jun 2019, 02:18 PM

लखनऊ:

उत्तर प्रदेश में होने वाले उपचुनाव में बीजेपी ने विधायक से सांसद बने नेताओं के बेटे बेटियों और रिश्तेदारों को टिकट न देने का फैसला किया है. पार्टी ने तय किया है कि उपचुनाव वाली सीटों पर पार्टी निष्ठावान कार्यकर्ताओं को ही टिकट देगी.

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सूत्रों के मुताबिक सीएम आवास पर भाजपा की कोर ग्रुप की बैठक में ये फैसला लिया गया. गौरतलब है कि प्रदेश की 12 सीटों पर उपचुनाव होना है. पार्टी सूत्रों के मुताबिक होने वाले उपचुनाव में पार्टी अपने निष्ठावान और जिताऊ कार्यकर्ताओं को टिकट देगी.

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यूपी में 12 विधानसभा सीटों के उपचुनाव के लिए बीजेपी फुल एक्शन मोड में है. 11 सीटों को जीतने के लिए एक-एक मंत्री की तैनाती की गई है. वहीं हारी हुई सीट जलालपुर जीतने के लिए दो मंत्री तैनात किए गए हैं. सूत्रों का कहना है कि सांसद बनने के बाद खाली हुई सीटों पर कई लोग अपने परिजनों को उतारना चाहते थे.

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लेकिन पार्टी ने उनके रिश्तेजारों की जगह संगठन के प्रति समर्पित भावना से काम करने वाले कार्यकर्ताओं को उतारने का फैसला लिया है.

ये सीटें हुई खाली

लोकसभा चुनाव में कई विधायक सांसद बन गए हैं. इनमें लखनऊ कैंट सीट, बाराबंकी में जैदपुर सीट, चित्रकूट जिले की मनिकपुर सीट, सहारनपुर की गंगोह सीट, अलीगढ़ की इगलास सीट, रामपुर, फिरोजाबाद की टुंडला सीट, कानपुर की गोविंदनगर, बहराइच जिले की बलहा सीट, प्रतापगढ़, अंबेडकरनगर की जलालपुर सीट और हमीरपुर सीट खाली हुई हैं.